इस सरकारी योजना में पूरे परिवार को मिलता है 5 लाख रुपये का कवर, दवा से लेकर इलाज तक सब होता है FREE

Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (PM-JAY): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। जिसे बाद में बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कर दिया गया था। इस योजना के तहत देश के गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये का मेडिकल कवर मिलता है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में मेडिकल टेस्ट, ट्रीटमेंट, कंसल्टेशन जैसी तमाम सुविधाएं फ्री मिलती हैं

मुख्य बातें
  • PM-JAY के तहत परिवार को मिलता है 5 लाख रुपये का कवर
  • योजना के तहत लाभार्थी को मुफ्त मिलती हैं कई बड़ी सुविधाएं
  • सरकार द्वारा लिस्टेड अस्पताल में होता है फ्री इलाज

Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (PM-JAY): देश की गरीब आबादी और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सितंबर, 2018 में आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च किया था। आयुष्मान भारत का नाम बदलकर बाद में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कर दिया गया था। इस योजना के तहत एक परिवार को हर साल 5 लाख रुपये का मेडिकल कवर मिलता है। योजना का उद्देश्य देश के 12 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों (कुल 55 करोड़ लोग) को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है।

सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पताल में होता है फ्री इलाज

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी Secondary और Tertiary केयर के साथ-साथ हॉस्पिटलाइजेशन का लाभ उठा सकता है। योजना के तहत लाभार्थी देशभर में लिस्टेड तमाम सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में भी अपना इलाज करा सकते हैं, जहां आपको किसी भी तरह का कैश देने की जरूरत नहीं होती। योजना में भर्ती, टेस्ट और दवाओं का खर्च भी शामिल होता है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में मिलने वाली सुविधाएं

  • मेडिकल टेस्ट, ट्रीटमेंट और कंसल्टेशन
  • हॉस्पिटलाइजेशन
  • मेडिसिन और मेडिकल कंज्यूमेबल्स
  • नॉन-इंटेन्सिव और इंटेन्सिव केयर सर्विसेज
  • डायग्नोस्टिक और लैब इन्वेस्टिगेशन्स
  • मेडिकल इंप्लान्टेशन सर्विसेज
  • ऐकोमोडेशन
  • खाना
योजना शुरु होने के दो साल के अंदर जारी किए जा चुके हैं 12.55 करोड़ आयुष्मान कार्डनेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुताबिक अगस्त 2020 तक देशभर में 12.55 करोड़ परिवारों के लिए आयुष्मान ई-कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, योजना के तहत 2 साल के अंदर ही 1.09 करोड़ मरीज अस्पतालों में भर्ती किए जा चुके हैं और इस योजना के साथ 22,796 अस्पतालों को जोड़ा जा चुका है। ध्यान रखें कि ये सारे आकंड़े अगस्त 2020 के हैं, लिहाजा मौजूदा समय में इन सभी आंकड़ों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो चुकी होगी।

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