ई-संजीवनी को पीएम मोदी ने बताया 'जीवन रक्षक ऐप', जानें-खूबियां और कैसे करता है काम

PM Modi called e-sanjeevani a Life Saving App: पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले टेली कंसल्टेंट्स की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। आप कल्पना कर सकते हैं! वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 10 करोड़ परामर्श, मरीज और डॉक्टर के बीच एक मजबूत बॉन्ड, ये एक बड़ी उपलब्धि है।

पीएम नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

PM Modi called e-sanjeevani a Life Saving App: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को ई-संजीवनी (e-sanjeevani) को आम आदमी के लिए 'जीवन रक्षक ऐप' बताया। अपने मासिक रेडियो प्रसारण मन की बात (Mann Ki Baat) में पीएम मोदी ने कहा कि ई-संजीवनी देश के आम आदमी के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जीवन रक्षक ऐप बन रहा है।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत की डिजिटल क्रांति की ताकत है और आज हम हर क्षेत्र में इसका असर देख रहे हैं। आप भी जानिए भारत की यूपीआई की ताकत। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कई देश इसकी ओर खिंचे चले आ रहे हैं। पिछले हफ्ते भारत के यूपीआई और सिंगापुर के पे नाउ के बीच हुए यूपीआई-पे नाउ लिंक के लॉन्च का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अब सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी तरह पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं जैसे वे अपने देशों में करते हैं। मुझे खुशी है कि लोगों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि भारत का ई-संजीवनी ऐप हो या यूपीआई, ये ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा ही एक ऐप है ई-संजीवनी। इस ऐप के जरिए टेली-कंसल्टेशन यानी दूर बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आप डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में सलाह ले सकते हैं।

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