PPF: सिर्फ फायदे ही नहीं ये फैक्टर भी डालते हैं असर,पीपीएफ में निवेश से पहले जरुर जान लें

PPF Investment rules and other factors : पीपीएफ पर फिक्स रिटर्न मिलता है। इस समय पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की ब्याज दर की पेशकश की जा रही है। 2023 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए कई पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें बढ़ाई गईं, मगर पीपीएफ की दर में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई।

PPF में निवेश से पहले ये भी जानें

PPF Investment rules and other factors : पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पोस्ट ऑफिस की खास स्कीमों में से एक है। एक तरफ इसके कई फायदे हैं, तो दूसरी तरफ कई ऐसे फैक्टर भी हैं, जिनके चलते यह हर निवेशक के लिए सही नहीं होगा। जो लोग थोड़ा-बहुत जोखिम ले सकते हैं, उनके लिए पीपीएफ से बेहतर इक्विटी मार्केट या म्यूचुअल फंड हो सकता है। ऐसी अन्य भी कई वजह हैं, जिनके चलते आपको पीपीएफ में निवेश करने से पहले एक बार फिर सोचना चाहिए। आगे जानते हैं ऐसे सभी फैक्टरों के बारे में।
मिलेगा फिक्स रिटर्न
पीपीएफ पर फिक्स रिटर्न मिलता है। इस समय पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की ब्याज दर की पेशकश की जा रही है। 2023 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए कई पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें बढ़ाई गयीं, मगर पीपीएफ की दर में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गयी। फिक्स रिटर्न आपको सुनने में अच्छा लग सकता है, मगर असल में ये एक नुकसान है। ऐसा इसलिए क्योंकि इक्विटी मार्केट में आपको इससे कहीं अधिक रिटर्न मिल सकता है। वहां जोखिम तो होगा, पर अधिक रिटर्न की उम्मीद भी रहेगी।
लिक्विडिटी नहीं है बेहतर
लिक्विडिटी का मतलब है जल्दी पैसा हाथ में आना। जरूरत के समय आपको पीपीएफ से तुरंत पैसा नहीं मिल सकता। पहली बात तो पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 सालों की है। दूसरे यदि आप इसमें से आंशिक निकासी (मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की सुविधा) करते हैं तो भी आपको एक तय लिमिट में ही पैसा निकालने की सुविधा दी जाएगी। इक्विटी मार्केट या म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं होता।
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