PPF vs NPS: दोनों स्कीम्स में क्या है अंतर, किसमें जल्दी बनेगा पैसा

PPF vs NPS: रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए कई स्कीम्स उपलब्ध हैं, लेकिन पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लॉन्ग टर्म निवेश स्कीम है। NPS को रिटायरमेंट के बाद के इनकम के लिए डिजाइन किया गया है।

NPS vs PPF (Photo: Freepik)

NPS vs PPF (Photo: Freepik)

PPF vs NPS: नौकरीपेशा लोग नौकरी के दौरान ही अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए प्लानिंग करने लगते हैं। इसके लिए लोग अलग-अलग स्कीम्स में निवेश करते हैं। रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए कई स्कीम्स उपलब्ध हैं, लेकिन पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। अब इनमें से कौन सी स्कीम आपके लिए मुफीद बैठती है आप अपने लक्ष्य के हिसाब से तय कर सकते हैं।

नेशनल पेंशन सिस्टम

NPS सरकार की स्पॉन्सर वाली पेंशन स्कीम है। इसे रिटायरमेंट के बाद के इनकम के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें निवेश के लिए दो ऑप्शन अकाउंट मिलते हैं। पहला अकाउंट टियर-1 है और दूसरा टियर-2 अकाउंट है। टियर-1 को मुख्य रिटायरमेंट अकाउंट कहा जाता है। इस अकाउंट से रिटायरमेंट से पहले कुछ शर्तों के साथ आप पैसे की निकासी कर सकते हैं। पैसे की निकासी के लिए निवेश की अवधि तीन साल पूरी होनी चाहिए। इसके अलावा निवेश की राशि का 25 फीसदी हिस्सा ही आप निकाल सकते हैं। टियर-2 अकाउंट से किसी भी तरह की निकासी नहीं की जा सकती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लॉन्ग टर्म निवेश स्कीम है। इस स्कीम में निवेश कर आप न सिर्फ अपने फ्यूचर के लिए फंड जमा कर सकते हैं, बल्कि इनकम टैक्स भी बचा सकते हैं। PPF में निवेशकों को जमा राशि पर ब्याज मिलता है और इस ब्याज की इनकम पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस स्कीम में निवेश की रकम इसलिए सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि निवेश की गारंटी सरकार लेती है।

इनकम टैक्स छूट

इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत पीपीएफ में निवेश करके आप सालाना अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक के डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। इस स्कीम में आप सिर्फ 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

बेहतर विकल्प

पीपीएफ स्थिर और गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है, लेकिन नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अपने इक्विटी एक्सपोजर के कारण संभावित हाई रिटर्न के लिए अलग है। जानकारों के अनुसार, एनपीएस ने अन्य एसेट क्लास को पीछे छोड़ा है। इसलिए एनपीएस एक बड़ा रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए एक मजबूत विकल्प है। रिटायरमेंट की तैयारी करते समय इक्विटी जोखिम को धीरे-धीरे कम करने के कारण इसकी अपील और भी बढ़ गई है।
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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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