PF खाते से इमरजेंसी में कितना पैसा निकाल सकते हैं, जान लीजिए नियम और शर्त

सरकार पीएफ खाते में जमा राशि पर मौजूदा समय में 8.15 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है। आमतौर पर PF खाते में जमा राशि को रिटायरमेंट के बाद ही निकालने की सलाह दी जाती है। एक ईपीएफ खाताधारक अपने या अपने परिवार के इलाज के लिए पैसे की निकासी पीएफ खाते से कर सकता है।

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कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) नौकरीपेशा लोगों की सेविंग का एक प्रमुख साधन है। इस फंड में नियोक्ता और कर्मचारी एक समान राशि का योगदान करते हैं। केंद्र सरकार EPF के जरिए कर्मचारियों को रिटायरमेंट की प्लानिंग करने के लिए प्रोत्साहित करती है। EPFO में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत और कर्मचारी की कंपनी भी उसके नाम से उसकी सैलरी का 12 प्रतिशत PF खाते में डालती है। अपने PF फंड से कोई भी कर्मचारी इमरजेंसी के दौरान पैसे की निकासी कर सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियम और शर्तें तय की गई हैं।

कितनी रकम की कर सकते हैं निकासी?

सरकार पीएफ खाते में जमा राशि पर मौजूदा समय में 8.15 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है। आमतौर पर PF खाते में जमा राशि को रिटायरमेंट के बाद ही निकालने की सलाह दी जाती है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर इसे आप पहले भी निकाल सकते हैं। लेकिन आपको टैक्स का भुगतान भी करना पड़ सकता है।

कोई कर्मचारी अपने रिटायरमेंट से पहले 90 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। अगर किसी कर्मचारी की नौकरी छूट जाती है, तो वह पहली बार में 75 फीसदी और दूसरी बार में बाकी के बचे सारे पैसे की निकासी अपने पीएफ खाते से कर सकता है।

विवाह

पीएफ खाताधारक अपनी शादी या फिर अपने के बेटे, बेटी, भाई या बहन की शादी के लिए आवश्यक खर्चों का भुगतान करने के लिए कर्मचारी के हिस्से का 50 प्रतिशत तक की राशि निकाल सकता है। हालांकि, यह प्रावधान पीएफ योगदान के सात साल पूरे होने पर ही लागू होता है।

मेडिकल इमरजेंसी

एक ईपीएफ खाताधारक अपने या अपने परिवार के इलाज के लिए पैसे की निकासी पीएफ खाते से कर सकता है। निकासी की राशि छह महीने के बेसिक पे और महंगाई भत्ते या ब्याज सहित कर्मचारी के हिस्से, जो भी कम हो, तक सीमित है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत ईपीएफ खाते में जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है।

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