Cyclone Mandous: आखिर क्या है मंडौस का मतलब, जानिए कहां और कैसे मिला है इसे नाम

Cyclone Mandous: बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ मैंडूस चक्रवात के खतरनाक रूप को देखते हुए तमिलनाडु में रेड अलर्ट जारी किया गया है। यह तूफान आज रात चेन्‍नई के पास से गुजरेगा और तमिलनाडु के उत्‍तरी तटों पर भारी तबाही मचा सकता है। आइये जानते हैं कि इस तूफान को यह नाम कहां से मिला और चक्रवात तूफानों का नामकरण कैसे होता है।

Cyclone Mandous

मंडौस तूफान का रेड अलर्ट

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • आज मध्‍य रात को चेन्‍नई के तट के पास से गुजरेगा तूफान
  • तूफान के दौरान भारी बारिश के साथ चलेंगी तेज हवाएं

Cyclone Mandous: बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ मैंडूस चक्रवात ने अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है। यह चक्रवात करीब 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी की तरफ बढ़ रहा है। यह चक्रवाती तूफान आज रात आधी रात को चेन्नई तट के पास से गुजर सकता है। इस तूफान को लेकर तमिलनाडु के तीन जिलों में भारी बारिश और तेज हवा का रेड अलर्ट घोषित किया गया है। अलर्ट पर रहने वाले जिलों में चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम और कांचीपुरम शामिल हैं। आईएमडी के अनुसार, चक्रवात मैंडूस की वजह से तमिलनाडु के उत्तरी तटीय इलाको और पुडुचेरी में अत्यधिक भारी वर्षा और तमिलनाडु के उत्तर आंतरिक इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान 85 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है।

बता दें कि, समुद्री तूफान को चक्रवात कहा जाता है। इस दौरान प्रभावित क्षेत्र में बहुत ज्यादा बारिश होती है और तेज हवाएं चलती हैं। चक्रवती तूफान के कारण जान-माल का भारी नुकसान होता है। जब कम दबाव गर्म पानी के ऊपर मंडराता है, तो इससे चक्रवात बनता है। कम दबाव वाले क्षेत्र में पैदा होने वाले हवा की गति से अलग-अलग तूफानों का पता चलता है। मैंडूस चक्रवात को संयुक्त अरब अमीरात ने यह नाम दिया। इसका अरबी में अर्थ "खजाना बॉक्स" है। इस साल मानसून के बाद तट से टकराने वाला यह दूसरा चक्रवाती तूफान है। पहला उष्णकटिबंधीय चक्रवात सितरंग था, जिसने अक्टूबर में बांग्लादेश में दस्तक दी थी।

चक्रवात तूफानों इस तरह मिलता है उनका नाम

चक्रवातों को उनका नाम विश्व मौसम विभाग/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और डब्ल्यूएमओ/ईएससीएपी और पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन द्वारा दिया जाता है। इस पैनल में 13 देश शामिल हैं। इसमें भारत, पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन हैं। ये देश समुद्र में उठने वाले तूफान के नामकरण का सुझाव देते हैं। वर्ष 2020 में हर देश ने 13 नाम सुझाए थे। इसके चलते इन चक्रवातों के 169 नामों की फेहरिस्त बनी थी। इससे पहले 2004 में इस समूह में शामिल हरके हरेक देश ने आठ नाम सुझाए थे। तूफानों के नामकरण के लिए हर बार अलग देश का नंबर आता है। चक्रवातों का नाम सरल और छोटा रखा जाता है। तूफानों के नामकरण से वैज्ञानिक, आपदा प्रबंधक टीमों और आम जनता के लिए इसे पहचानने व समझने में मदद मिलती है।

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