Smishing Fraud: खाते में क्रेडिट हो गए 15000, अगर आपके पास आए ऐसे मैसेज, तो हो जाएं सावधान

Smishing Fraud: स्मिशिंग फ्रॉड का एक तरीका है। इसमें लोगों के मोबाइल फोन पर एक टेक्स्ट मैसेज मिलता है, जिसमें लुभावने संदेश लिखा होता है। अगर आपके पास बैंक अकाउंट है, तो आपको इस फ्रॉड से बचने के लिए इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। बैंक कभी भी पर्सनल फोन नंबर से मैसेज कॉल नहीं करता है।

Smishing Fraud

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Smishing Fraud: फिशिंग के जरिए जालसाज लोगों को अपनी जाल में फंसाकर ठगने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं। लोगों को ठगने के लिए स्मिशिंग (SMS फिशिंग) का उपयोग अब बैंकों के ग्राहकों को धोखा देने के लिए किया जा रहा है। अगर आपके पास बैंक अकाउंट है, तो आपको इस फ्रॉड से बचने के लिए इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। कैसे जालसाज लोगों को अपनी जाल में फंसा रहे हैं और इससे बचने का क्या तरीका है... आइए जान लेते हैं।

कैसे लोगों को शिकार बनाते हैं जालसाज

स्मिशिंग फ्रॉड का एक तरीका है। इसमें लोगों के मोबाइल फोन पर एक टेक्स्ट मैसेज मिलता है, जिसमें लुभावने संदेश लिखा होता है। स्मिशिंग, साइबर हमले का एक रूप SMS और फिशिंग को जोड़ता है। इसके जरिए जालसाज लोगों से उनकी पर्सनल डिटेल्स हासिल करने की कोशिश करते हैं।
लोगों को आमतौर पर एक मोबाइल नंबर से एक SMS मिलता है जिसमें कहा जाता है कि आपके बैंक खाते में एक निश्चित राशि जमा की गई है। यह SMS मिलते ही आपके पास एक कॉल आएगी जिसमें कहा जाएगा कि आपके बैंक खाते में गलती से बड़ी रकम भेज दी गई है। आपसे इसे तुरंत एक निश्चित UPI नंबर पर वापस करने के लिए कहा जाएगा।

इस फॉर्मेट में नजर आता है मैसेज

पहली नजर में यह बैंक का असली मैसेज लग सकता है। क्योंकि इसी फॉर्मेंट में आपको संदेश प्राप्त होता है। जैसे )Rs 15,000 credited to a/c XXXXX9082 on 10-05-24 by a/c linked to VPA XXXX9082 (UPI Ref No 41356463189)। इस तरह से मैसेज में लिखा होता है।
हालांकि, अगर आप इसकी बारीकी से जांच करेंगे, तो आपको अक्सर एक मोबाइल नंबर मिल जाएगा। अब बैंक कभी भी किसी मोबाइल नंबर से ऐसे मैसेज नहीं भेजता। इससे पता लगा जाएगा कि मैसेज किसी जालसाज ने भेजा है।

स्मिशिंग से कैसे बचें

मैसेज में चेक करें कि क्या ये मैसेज किसी व्यक्तिगत नंबर से भेजा गया है?
बैंक कभी भी व्यक्तिगत फोन नंबर से मैसेज कॉल नहीं करता है। भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को एसएमएस भेजने के लिए एक रजिस्टर सेंडर आईडी का उपयोग करना चाहिए, जो छह अक्षरों का अल्फान्यूमेरिक कोड होना चाहिए। यह बैंक के नाम या ब्रांड का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए, HDFCBK,ICICIB, SBINNN, आदि।
भेजी गई आईडी कोई सामान्य संख्या नहीं होनी चाहिए, जैसे 567678, 909090, आदि। मैसेज को देख कर जल्दीबाजी न करें ठंडे दिमाद से जांच करें। शक होने पर आप इसकी जानकारी अपने बैंक से भी पता कर सकते हैं क्या आपके अकाउंट में कोई ऐसी ट्रांजेक्शन हुई है। सबसे पहले अगर आपके पास मैसेज आता है तो सबसे पहले मैसेज को ध्यान से पढ़ें। मैसेज में दिए गए किसी भी प्रकार के लिंक को क्लिक न करें। ये आपके फोन को हैक कर संवेदनशील जानकारी निकलवा सकते हैं।
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