Withdrawal From PF Account: रिटायरमेंट के बाद निकालते हैं पीएफ खाते से पैसा, तो क्या देना होगा टैक्स
Withdrawal From PF Account: नौकरीपेशा लोगों की सैलरी की का एक हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में जमा होता है। आप जरूरत पड़ने पर पीएफ खाते से नियमों के अनुसार पैसों की निकासी आसानी से कर सकते हैं। रिटायरमेंट के 36 महीने यानी 3 साल के भीतर पीएफ खाते में जमा राशि की निकासी के लिए आवेदन दाखिल करना पड़ता है।
EPF Accounts
Withdrawal From PF Account: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अधिनियम और योजना उस समयसीमा के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं लगाती है जब तक कोई व्यक्ति ईपीएफ का मेंबर बना रहता है। हालांकि, एक ईपीएफ अकाउंट तब डीएक्टिवेट हो जाता है, जब कर्मचारी 55 साल की उम्र के बाद सर्विस से रिटायर हो जाता है। रिटायरमेंट के 36 महीने यानी 3 साल के भीतर पीएफ खाते में जमा राशि की निकासी के लिए आवेदन दाखिल करना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है।
निकासी पर नहीं लगता टैक्स
एक बार जब कोई ईपीएफ अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाता है, तो उस तारीख से खाते में ब्याज जमा नहीं किया जाता है। आयकर (Income Tax) अधिनियम के अनुसार, यदि कर्मचारी ने अपने नियोक्ता के साथ निरंतर सेवा प्रदान की है (यदि पीएफ ट्रांसफर किया गया है तो पिछले नियोक्ता सहित) रोजगार समाप्ति की तिथि पर कर्मचारी के खाते में जमा शेष राशि टैक्स फ्री है।
पांच साल बाद निकासी
EPFO के नियम के अनुसार, अगर आपके पीएफ अकाउंट की उम्र पांच साल हो गई है, तो उसमें जमा राशि में कुछ रकम निकालने पर आपको किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है। अगर आपके पीएफ अकाउंट हुए पांच साल नहीं हुआ है, तो खाते से निकाली गई रकम पर आपको टैक्स देना होगा। टैक्स की कटौती के लिए EPFO ने नियम तय कर रखे हैं।
सैलरी का एक हिस्सा
नौकरीपेशा लोगों की सैलरी की का एक हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में जमा होता है। सरकार जमा रकम पर सालाना आधार पर मौजूदा समय में 8.15 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है। किसी भी कर्मचारी की सैलरी के बेसिक पे से 12 फीसदी की कटौती होती है। एम्प्लॉयर की तरफ से एम्पलाई की सैलरी में की गई कटौती का 8.33 फीसदी ईपीएस ( एम्पलॉय पेंशन स्कीम) में जमा होती है। वहीं, 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा होता है। आप जरूरत पड़ने पर पीएफ खाते से नियमों के अनुसार पैसों की निकासी आसानी से कर सकते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited