Mutual Funds: SIP से मिलने वाला रिटर्न होगा ज्यादा फायदेमंद, जब इन बातों का रखेंगे ध्यान

पिछले कुछ सालों के दौरान म्यूचुअल फंड लोगों के लिए इन्वेस्टमेंट के आकर्षण ऑप्शन के रूप में उभरे हैं। म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से आप कमोडिटी, इक्विटी या फिर बॉन्ड में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। SIP, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने का काफी अच्छा साधन है। SIP के माध्यम से आप नियमित तौर पर लंबे समय तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आप बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं बल्कि मार्केट के रिस्क को भी कम कर सकते हैं। लेकिन SIP करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Mutual Fund SIP

म्यूचुअल फंड SIP में इन्वेस्ट करने से पहले ये बातें जान लेना है जरूरी

Mutual Fund SIP: पिछले कुछ सालों के दौरान म्यूचुअल फंड्स इन्वेस्टमेंट के आकर्षक ऑप्शन के रूप में लोगों के सामने आए हैं। म्यूचुअल फंड्स काफी यूजर फ्रेंडली होते हैं जिस वजह से ज्यादातर लोग इन्हें इन्वेस्टमेंट के लिए चुनते हैं। साथ ही म्यूचुअल फंड के माध्यम से आप इक्विटी, बॉन्ड या कमोडिटी में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स में आप दो तरह से इन्वेस्ट कर सकते हैं। आप या तो एकमुश्त सारा पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं या फिर आप SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने पर आपकी इन्वेस्टमेंट की आदत भी बेहतर होती जाती है। लेकिन इससे पहले की आप SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करें आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

लक्ष्य है जरूरी: इन्वेस्टमेंट को ज्यादा सार्थक बनाने के लिए अपने लक्ष्य को ख्याल में रखकर ही प्लान करें। सीप के माध्यम से आप अपनी शिक्षा के लिए, घर खरीदने के लिए या फिर एक सुखद रिटायरमेंट के लिए भी फंड इकट्ठा कर सकते हैं।

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इन्वेस्टमेंट की रकम: एक बार आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें उसके बाद आपको यह साफ हो जाएगा कि आपको कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपको एक कार लेनी है। आप आज उसे कर की कीमत और 3 साल बाद उसे कर के संभावित कीमत के बीच मौजूद अंतर को पहचान कर ज्यादा बेहतर तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं।

शॉर्ट टर्म, मिड टर्म या लॉन्ग टर्म: आपको SIP के माध्यम से इकट्ठा किया गया फंड कब चाहिए, यह तय कर लें। आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शॉर्ट-टर्म, मिड-टर्म या लॉन्ग-टर्म में से किसी एक तरीके में इन्वेस्टमेंट करना होगा।

सही समय पर रिटर्न: आपको तय समय में आपके लक्षण तक पहुंचने में एसेट काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए SIP के माध्यम से इन्वेस्ट करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें आपको आपके लक्षण तक पहुंचने में किस तरीके के एसेट की जरूरत पड़ेगी। उदाहरण के लिए आप लिक्विड फंड चुन सकते हैं, लेकिन इनमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसी तरह आप अपने लक्ष्य, तय किए गए समय और इन्वेस्ट की जाने वाली रकम के आधार पर सही एसेट का चयन कर सकते हैं।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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