EPFO सदस्यों की संख्या में 7.6% का आया उछाल, 7.37 करोड़ हुई कुल सदस्यों की संख्या

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में योगदान देने वाले सदस्यों की संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में 7.6 प्रतिशत बढ़कर 7.37 करोड़ हो गई है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 6.85 करोड़ थी। EPFO की बकाया राशि की वसूली में भी 55.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 3,390 करोड़ रुपये की तुलना में 5,268 करोड़ रुपये हो गई।

सदस्यों की संख्या में 7.6 का आया उछाल, 7.37 करोड़ हुई कुल सदस्यों की संख्या

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में योगदान देने वाले सदस्यों की संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में 7.6 प्रतिशत बढ़कर 7.37 करोड़ हो गई है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 6.85 करोड़ थी। साथ ही इस दौरान योगदान करने वाली संस्थाओं की संख्या 6.6 प्रतिशत बढ़कर 7.66 लाख हो गई है। यह जानकारी श्रम मंत्रालय द्वारा रविवार को दी गई। यह दिखाता है कि भारत में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार और व्यापारों की संख्या बढ़ रही है, जो कर्मचारियों को बेहतर जीवन स्तर मुहैया कराती है। EPFO की बकाया राशि की वसूली में भी 55.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 3,390 करोड़ रुपये की तुलना में 5,268 करोड़ रुपये हो गई।

यहां भी दिखी बढ़त

पिछले वर्ष की तुलना में निपटाए गए दावों की संख्या में भी 7.8 प्रतिशत बढ़कर 4.12 करोड़ से बढ़कर 4.45 करोड़ हो गई है। ये आंकड़े EPFO के कामकाज पर वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं, जिस पर शुक्रवार को सचिव (श्रम एवं रोजगार) सुमिता डावरा की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की बैठक में विचार किया गया। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कार्यकारी समिति ने नई अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2024 के मसौदे पर भी चर्चा की, जिसका लक्ष्य EPFO के कई कर्मचारियों के आश्रितों और बच्चों को राहत पहुंचाना है, जिनकी दुर्भाग्यवश सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिनमें से कई की मृत्यु कोविड महामारी के दौरान हुई थी।

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