Transfer Of Property: प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के ये हैं मुख्य तरीके, इनके बीच अंतर जानना है जरूरी
भारत में प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के दो प्रमुख तरीके हैं। अक्सर लोगों को इन तरीकों के बीच अंतर नहीं पता होता और वो इनमें कन्फ्यूज हो जाते हैं। आज हम आपको प्रॉपर्टी ट्रान्सफर करने के दो जरूरी तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही हम आपको इनके बीच मौजूद अंतर के बारे में भी बताएंगे।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के ये हैं मुख्य तरीके, इनके बीच अंतर जानना है जरूरी
Property Transfer: पूरे जीवन की कमाई लगाकर व्यक्ति अपने लिए प्रॉपर्टी खरीदता है। लेकिन अगर प्रॉपर्टी का सही से ध्यान न रखा जाए या प्रॉपर्टी से संबंधित कानूनी नियम न पता हों तो पल भर में आपके जीवन भर की कमाई डूब सकती हैं। भारत में आने वाली पीढ़ी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए मुख्य रूप से 2 तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक गिफ्ट डीड है और दूसरा वसीयत है। गिफ्ट डीड और वसीयत के बीच बेहद बारीक अंतर मौजूद हैं। आपको इन दोनों के बीच मौजूद अंतर के बारे में जान लेना चाहिए। आज हम आपको गिफ्ट डीड और वसीयत के बारे में भी बतायेंगे और साथ ही यह भी बतायेंगे कि इन दोनों में क्या अंतर है।
गिफ्ट डीड का तरीका
यह स्थायी प्रक्रिया होती है और अगर आप अपने जीते जी किसी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आप इस तरीके की बदौलत ऐसा कर सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया की शुरुआत करने से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि यह एक स्थायी प्रक्रिया है और इसके पूरे हो जाने के बाद प्रॉपर्टी पर पूर्व मालिक का कोई अधिकार नहीं रह जाता है। इसीलिए, अगर आप इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अपने किसी बेहद भरोसेमंद आदमी को ही गिफ्ट डीड के माध्यम से प्रॉपर्टी सौंपनी चाहिए। गिफ्ट डीड के माध्यम से आप प्रॉपर्टी का एक बड़ा हिस्सा किसी व्यक्ति को सौंपते हैं। इसकी वजह से प्रॉपर्टी के अन्य वारीसों के बीच मतभेद की स्थिति भी बन सकती है।
वसीयत का तरीका
प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का वसीयत का तरीका ही लोगों के बीच ज्यादा पॉपुलर है। आपको बता दें कि प्रॉपर्टी को वसियत के माध्यम से मृत्यु के बाद ही ट्रांसफर किया जा सकता है। वसीयत कानूनी डॉक्यूमेंट है और यह सुनिश्चित करता है कि आपकी मृत्यु के बाद प्रॉपर्टी सही वारिस के हाथ में ही जाए। वसीयत का एक सबसे बड़ा फायदा ये भी है कि आप आजीवन प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार बनाए रख सकते हैं।
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Pawan Mishra author
पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। ...और देखें
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