Indian Thali Price: अप्रैल में 8 फीसदी महंगी हो गई आम आदमी की वेज थाली, नॉन-वेज थाली के रेट में गिरावट
Indian Thali Price: क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के अनुमान के मुताबिक, सालाना आधार पर अप्रैल में घर में बनी शाकाहारी थाली की कीमत 8 फीसदी बढ़ी गई। नॉन-वेज थाली की कीमत में 4 फीसदी की गिरावट आई है। प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में कई फीसदी का इजाफा हुआ है।
Veg thali in India
Indian Thali Price: अप्रैल के महीने में घरेलू शकाहारी थाली महंगी हो गईह है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के अनुमान के मुताबिक, सालाना आधार पर अप्रैल में घर में बनी शाकाहारी थाली की कीमत 8 फीसदी बढ़ी गई। जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत में 4 फीसदी की गिरावट आई। घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत का कैलकुलेशन उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की गई थी।
कितना महंगा-कितना सस्ता
अप्रैल में वेज थाली के दाम 8 प्रतिशत बढ़कर 27.4 रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल इसी महीने में वेज थाली की कीमत 25.4 रुपये थी। वहीं, ब्रॉयलर सस्ता होने के कारण इसी अवधि में नॉन वेज थाली की कीमत 58.9 रुपये से 4 फीसदी गिरकर 56.3 रुपये पर आ गई।
क्यों महंगी हुई शाकाहारी थाली
इस रिपोर्ट में 'राइस रोटी रेट' में प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में साल-दर-साल आधार पर क्रमशः 41 फीसदी, 40 फीसदी और 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से शाकाहारी थाली की लागत में इजाफा हुआ है। क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा कि रबी के रकबे में गिरावट की वजह से प्याज की कम आवक कम हुई है।
इन चीजों की कीमतों में गिरावट
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को नुकसान के कारण कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस बीच चावल (शाकाहारी थाली लागत का 13 प्रतिशत) और दाल (9 प्रतिशत) की कीमतें सालाना आधार पर क्रमशः 14 प्रतिशत और 20 प्रतिशत बढ़ी हैं। जीरा, मिर्च और वनस्पति तेल की कीमतों में क्रमशः 40 फीसदी, 31 फीसदी और 10 फीसदी की गिरावट आई, जिससे थाली की लागत में और अधिक इजाफा नहीं हुआ।
नॉन-वेज थाली की कीमत
नॉन-वेज थाली की बात करें तो, नॉन-वेज थाली की कीमत कम, पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार पर ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना आधार पर 12 फीसदी की गिरावट के कारण हुई। हालांकि, मासिक आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत स्थिर रही और नॉन-वेज थाली की कीमत 3 फीसदी बढ़ी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई डिमांड और बढ़ती इनपुट लागत के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में अनुमानित 4 प्रतिशत की वृद्धि के कारण नॉन-वेज थाली की लागत बढ़ गई, जो लागत का 50 प्रतिशत है।
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