टिकट नहीं हुआ कंफर्म तो भी मिलेगी सीट, करेंगे आरामदायक सफर! रेलवे की इस स्कीम का उठाएं फायदा
भारतीय ट्रेनों में कंफर्म टिकट पाना एक बहुत ही मुश्किल काम है। रेलवे कई ऐसे नियम ला चुकी है जिससे इस मुश्किल काम को आसान बनाया जा सकता है। हालांकि इन नियमों की पूरी जानकारी के बाद ही आप इसका फायदा उठा सकते हैं। ऐसे ही एक नियम का नाम है विकल्प स्कीम (Vikalp Scheme).
रेलवे की विकल्प स्कीम (फोटो- @pixabay)
तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
भारतीय रेलवे की विकल्प स्कीम (Vikalp Scheme)के सहारे आप आसानी से कंफर्म सीट पा सकते हैं। यह नियम सभी के लिए है, मतलब कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है।
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि रेलवे, यात्रियों को टिकट के लिए इस स्कीम के जरिए एक विकल्प देती है। दरअसल जब हम टिकट वेटिंग में काटते हैं और टिकट कंफर्म नहीं हो तो यात्रा में मुश्किल हो जाती है, लेकिन अगर आपने टिकट के काटने के समय विकल्प स्कीम का चुनाव किया है तो आपको सीट मिल सकती है।
विकल्प योजना क्या है?
विकल्प योजना 2015 में यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि उपलब्ध बर्थ का बेहतर उपयोग किया जाए। यह किसी भी ट्रेन की प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को अन्य ट्रेनों में कंफर्म बर्थ चुनने का ऑप्शन देता है।
विकल्प योजना के तहत यात्री अधिकतम सात ट्रेनों का विकल्प चुन सकते हैं। मूल रूप से बुक की गई ट्रेन के प्रस्थान समय से 12 घंटे की समयावधि के भीतर चलने वाली ट्रेनों में आप इस योजना के तहत सीट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। रेलवे के नियम के अनुसार यह योजना सभी वेटिंग वाले यात्रियों पर लागू है, चाहे बुकिंग कोटा और रियायत कुछ भी हो। साथ ही जब दूसरी ट्रेन में वेटिंग यात्री को सीट दी जाती है तो यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है और किराए में अंतर के लिए किराए का कोई रिफंड नहीं दिया जाता है।
जिन यात्रियों ने इस योजना का विकल्प चुना है और उन्हें वैकल्पिक ट्रेन में सीट मिल गई है तो वो मूल ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में शामिल नहीं होंगे। एक बार यात्री को दूसरी ट्रेन में वैकल्पिक सीट उपलब्ध करा दिए जाने के बाद वो मूल ट्रेन में नहीं चढ़ सकते हैं। विकल्प योजना को एक बार सफलतापूर्वक चुन लेने के बाद बदला नहीं जा सकता।
विकल्प योजना केवल उन्हीं टिकटों के लिए लागू है जिन्हें आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से बुक किया गया है। यात्री के पास विकल्प चुनने और दूसरी ट्रेन में यात्रा करने या मौजूदा टिकट को रद्द करने का विकल्प होता है।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें
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