EPFO के तहत आने वालों की वेतन सीमा बढ़कर हो सकती है 21000 रुपये, इस वजह से सरकार कर रही है विचार
Wage Ceiling Under EPFO: भारत सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले लोगों की वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये करने और अनिवार्य नामांकन( Enrollment) के लिए कर्मचारियों की संख्या सीमा को 20 से घटाकर 10-15 करने पर विचार कर रही है। इसका उद्देश्य आगामी सामाजिक सुरक्षा संहिता के साथ तालमेल बिठाते हुए श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करना है।
बढ़ सकती है EPFO के सदस्यों की वेतन सीमा
Wage Ceiling Under EPFO: केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत वेतन सीमा बढ़ा सकती है और कर्मचारियों की संख्या की सीमा कम कर सकता है क्योंकि इसका उद्देश्य श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कवरेज को बढ़ाना और व्यापक बनाना है। EPFO के तहत वर्तमान वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है, जिसे कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत वेतन सीमा के अनुरूप बढ़ाकर 21,000 रुपये तक किया जा सकता है। इसके अलावा EPFO में शामिल होने के लिए किसी संगठन में अनिवार्य सीमा को वर्तमान में 20 से घटाकर 10-15 कर्मचारी तक किया जा सकता है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक इससे अवगत लोगों ने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय वर्तमान में हितधारकों के साथ इस मामले पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक सुरक्षा संहिता को लागू करने के लिए जमीन तैयार करते हुए कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने की इच्छुक है।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह बातचीत श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों को व्यापक और गहन बनाने के लिए गठित एक संचालन समिति की मजबूत सिफारिशों के बाद हो रही है। 2014 में अंतिम वेतन सीमा संशोधन हुआ। मंत्री सभी लंबित प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रहे हैं और सरकार को लगता है कि EPFO के तहत वेतन सीमा और सीमा संशोधन लंबे समय से पेंडिंग है। पिछला वेतन सीमा संशोधन 2014 में हुआ था जब इसे 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया था। 21,000 रुपये की उच्च वेतन सीमा से भविष्य निधि में वृद्धि होगी और कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि होगी। इससे नियोक्ताओं का वित्तीय खर्च भी बढ़ेगा।
EPFO के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को EPF खाते में 12-12% का योगदान करना जरूरी है। कर्मचारी के योगदान का पूरा 12% भविष्य निधि खाते में जाता है, जबकि नियोक्ता के योगदान का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को आवंटित किया जाता है, जबकि बाकी 3.67% भविष्य निधि खाते में जाता है। प्रस्ताव से परिचित एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सूक्ष्म और छोटे प्रतिष्ठान 20 कर्मचारियों की सीमा को कम करने का विरोध कर रहे थे क्योंकि इससे उनका अनुपालन बोझ और लागत बढ़ सकती थी। हालांकि, सरकार वर्कफोर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की इच्छुक है।
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