क्या होता है हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स, कौन देता है इसके लिए सर्टिफिकेट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यूपी में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) से जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।

Halal,

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फूड एंड ब्यूटी प्रोडक्ट्स में जारी होने वाले हलाल प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यूपी में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) से जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। तो चलिए समझ लेते हैं कि क्या होता है हलाल प्रोडक्ट और इसके लिए सर्टिफिकेट कौन जारी करता है।

क्या है हलाल सर्टिफिकेट

सबसे पहले जान लीजिए कि शाकाहारी प्रोडक्ट्स के लिए हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ती है। साल 1993 तक सिर्फ मीट प्रोडक्ट्स के लिए हलाल सर्टिफिकेट जारी किया जाता था। बाद में ब्यूटी प्रोडक्ट्स और दवाइयों के लिए भी इसे जारी किया जाने लगा। हलाल का मतलब है इस्लामी कानून के तहत बने प्रोडक्ट्स।

हलाल प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी

हलाल सर्टिफिकेट इस्लामिक देशों में इस्लामिक संगठन देते हैं। वहीं, भारत में करीब 12 कंपनियां ऐसी हैं, जो हालाल सर्टिफिकेट जारी करती हैं और ये सर्टिफिकेट इस्लामिक कानून के तहत होता है। यह सर्टिफिकेट इसलिए दिया जाता है, ताकी प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट आसान हो जाए। ग्लोबल फूड मार्केट का लगभग 19 फीसदी हलाल प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी है। इसके अलावा कई देशों में सिर्फ हलाल प्रोडक्ट्स की ही अनुमति है।

भारत में कौन देता है सर्टिफिकेट

भारत में हलाल सर्टिफिकेशन आमतौर पर एक थर्ड-पार्टी के जरिए जारी किया जाता है। भारत में इसके लिए कोई भी सरकारी संस्था नहीं है। आमतौर पर शकाहारी प्रोडक्टस में मांस या मीट शामिल नहीं होता। इसके बावजूद सभी प्रोडक्ट्स को हलाल नहीं माना जा सकता है। कुछ शाकाहारी मिठाइयों में अल्कोहलिक तत्व मिलाए जाते हैं। इसलिए उन्हें हलाल की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है।

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