Charges on Gold: सोने की कीमत के बाद आपकी ज्वैलरी पर कौन-कौन से चार्ज लगते हैं, खरीदने से पहले जान लीजिए

Charges on Gold: भारत ऐसे देशों में शामिल है, जहां सोने की खपत भारी मात्रा में होती है। लेकिन जब आप सोना खरीदने जाते हैं, तो ज्वैलर्स आपके खरीदे गहने पर गोल्ड के अलावा और भी कई चार्ज जोड़ते हैं। अक्सर बिल में ज्वैलर्स कई तरह के शुल्क जोड़ देते हैं।

Gold Buying Tips

Gold Buying Tips

Charges on Gold: दुनिया भर में इन दिनों सोने की कीमतें जमकर चमक रही हैं। गोल्ड का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। भारत में लोग जमकर सोने की खरीदारी करते हैं। दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अक्षय तृतिया के दिन भी लोग सोने की खरीदारी करते हैं। शादियों में भी सोना खरीदा जाता है। कुल मिलाकर भारत ऐसे देशों में शामिल है, जहां सोने की खपत भारी मात्रा में होती है। लेकिन जब आप सोना खरीदने जाते हैं, तो ज्वैलर्स आपके खरीदे गहने पर गोल्ड के अलावा और भी कई चार्ज जोड़ते हैं। ये चार्ज क्या-क्या होते हैं आइए जान लेते हैं।

कई तरह के शुल्क

दरअसल, जब ग्राहक सोने की ज्वैलरी खरीदने ज्वैलर्स के पास जाते हैं, तो ज्यादातर सिर्फ गोल्ड का रेट पूछते हैं। लेकिन आपको ये भी पता करना चाहिए कि गोल्ड पर कौन-कौन से चार्ज लगेंगे। अक्सर बिल में ज्वैलर्स कई तरह के शुल्क जोड़ देते हैं।

मेकिंग चार्ज और जीएसटी

सरकार के नियम के अनुसार, ग्राहकों को सोने की ज्वैलरी के वजन हिसाब से कीमत, दूसरा-मेकिंग चार्ज और तीसरा जीएसटी शुल्क देना पड़ता है। किसी भी सोने की खरीदारी पर कुल कीमत का तीन फीसदी जीएसटी देना पड़ता है। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरीके से सोना खरीदें, तीन फीसदी का जीएसटी चार्ज आपको देना ही पड़ता है। इसके अलावा अगर ज्वैलर्स किसी भी तरह का चार्ज लगाता है, तो आप सवाल उठा सकते हैं।

24 कैरेट गोल्ड से नहीं बनती ज्वैलरी

आपको बता दें कि कोई भी गोल्ड की ज्वैलरी 24 कैरेट गोल्ड से नहीं बनती है। क्योंकि यह बेहद ही मुलायम होता है और मोड़ने पर टूट जाता है। सोने की ज्वैलरी 22 कैरेट और 18 कैरेट से बनती है। इसलिए आपको गोल्ड खरीदते समय इस बात खास ध्यान रखना चाहिए।

मोलभाव करें

जब भी सोने की ज्वैलरी खरीदने जाएं, तो मोलभाव जरूर करें। आप मेकिंग चार्ज को लेकर मोलभाव कर सकते हैं। ज्वैलर्स का बड़ा मुनाफा मेकिंग चार्ज से ही आता है और यह 30 फीसदी तक हो सकता है। इसलिए इसमें मोलभाव की गुंजाइश रहती है।

सोने की प्योरिटी

बीआईएस हॉलमार्क भारत में बिकने वाले गोल्ड और सिल्वर की ज्वैलरी की प्योरिटी प्रमाणित करता है। इसलिए हॉलमार्क आधिकारिक चिह्न हैं जो कई देशों में कीमती धातु उत्पादों की सुंदरता या शुद्धता की गारंटी देते हैं। जब भी सोना खरीदें तो उसपर छपे हॉलमार्क का निशान जरूर चेक करें।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

    TNN बिजनेस डेस्क author

    TNN बिजनेस डेस्कऔर देखें

    End of Article

    © 2025 Bennett, Coleman & Company Limited