SIPs: गलती से नहीं भरी SIP, क्या अब आप पर लगेगी पेनल्टी, जानिये क्या कहते हैं नियम

म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट के लिए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) को एक काफी कारगर तरीका माना जाता है। SIP के माध्यम से आप म्यूचुअल फंड्स में एक निश्चित रकम इन्वेस्ट कर सकते हैं। कभी-कभार हमारे अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता और हम SIP के बारे में भूल जाते हैं। ऐसे में अगर SIP नहीं कटती है तो क्या आप पर पेनल्टी लगती है? आइये जानते हैं नियम क्या कहते हैं।

SIPs

गलती से नहीं भरी SIP, क्या अब आप पर लगेगी पेनल्टी, जानिये क्या कहते हैं नियम

SIPs: सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) की बदौलत म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना काफी सुविधाजनक हो गया है। SIP के माध्यम से आपको म्यूचुअल फंड्स में एक निश्चित रकम ही इन्वेस्ट करनी होती है जिससे आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से भी बचे रहते हैं और आप अच्छे रिटर्न्स भी प्राप्त कर सकते हैं। SIPs में आपको निश्चित समय पर एक तय रकम का ही भुगतान करना होता है जिससे इन्वेस्टमेंट करना आपके लिए और सुविधाजनक हो जाता है। लेकिन कभी कभार बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होने की वजह से SIP की कटौती नहीं हो पाती है और ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या आपको कोई पेनल्टी देनी होती है? आइये जानते हैं कि नियम क्या कहते हैं।

नियमों के अनुसार

कोटक के अनुसार अगर आप बैंक अकाउंट में पैसे कम होने की वजह से SIP का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो इसमें कोई भी घबराने वाली बात नहीं है। न ही ब्रोकर और न ही एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) इसके लिए आपसे किसी प्रकार की कोई पेनल्टी वसूल करेंगे। लेकिन ध्यान रहे इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) फेल होने की वजह से आपके अकाउंट में बैंक द्वारा चार्ज लगाया जा सकता है जो 75 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है। दूसरी तरफ अगर आप लगातार 3 बार SIP का भुगतान नहीं कर पाते तो AMC की तरफ से आपकी SIP को ऑटोमैटिकली कैंसिल कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: 7 Seater Car Under 10 Lakh: खोज रहे हैं 7 सीटर, 10 लाख है बजट, ये ऑप्शंस हो सकते हैं बेस्ट

SIP के फायदे

आइये आपको SIP के माध्यम से इन्वेस्टमेंट के कुछ बहुत ही जरूरी फायदों के बारे में बताते हैं।

मार्केट का उतार चढ़ाव: SIP की बदौलत आपकी इन्वेस्टमेंट काफी संतुलित बनी रहती है। इसकी वजह से आपको मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव की बहुत फिक्र नहीं करनी पड़ती है।

कंपाउंडिंग: अगर आप SIP के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो समय-समय पर आपकी इन्वेस्टमेंट पर आपको कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता रहता है जिसकी बदौलत आपकी संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है।

फ्लेक्सिबिलिटी: SIP की बदौलत आपको फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है और आपकी इन्वेस्टमेंट पर पूरी तरह से आपका नियंत्रण बना रहता है। आप कितने पैसे, कब इन्वेस्ट करना चाहते हैं यह निर्णय SIP की बदौलत पूरी आपके हाथों में रहता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited