7-5-3-1 Rule: 7-5-3-1 रुल के साथ करें म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत, छोटी सी राशि बचाकर जमा कर सकते हैं मोटा पैसा

7-5-3-1 Rule In Mutual Fund: ​​म्यूचुअल फंड निवेश में 7-5-3-1 रुल निवेशकों को रणनीतिक रूप से अपने निवेश को डिजाइन करने में मदद करने के लिए एक आसान गाइडलाइन है। निवेश के लिए 7-5-3-1 रुल एक आसान तरीका है, जिसको फॉलो करके निवेशक अपने SIP निवेश को मजूबत बना सकते हैं।

Systematic Investment Plan (SIP)

Systematic Investment Plan (SIP)

7-5-3-1 Rule In Mutual Fund: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना समय के साथ व्यवस्थित रूप से धन बढ़ाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। निवेश के लिए 7-5-3-1 रुल एक आसान तरीका है, जिसको फॉलो करके निवेशक अपने SIP निवेश को रणनीतिक रूप से तैयार करने के लिए कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड निवेश में 7-5-3-1 रुल निवेशकों को रणनीतिक रूप से अपने निवेश को डिजाइन करने में मदद करने के लिए एक आसान गाइडलाइन है। यह विभिन्न कॉम्पोनेंट में धन आवंटित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। इसका लक्ष्य विविधीकरण को बढ़ाना, जोखिम का प्रबंधन करना और अवसरों का लाभ उठाना है। आइए समझ लेते हैं 7-5-3-1 रुल को।

7 गुना सालाना कमाई

सबसे पहले जरूरी है अपनी सालाना इनकम को निर्धारित करना। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स आपकी वार्षिक आय के सात गुना के बराबर कुल राशि के साथ एसआईपी निवेश शुरू करने का सुझाव देते हैं। यह आपकी निवेश रणनीति की नींव बनाता है और आपके लिए वेल्थ जेनरेट करने में मदद करता है।

5 अलग-अलग फंड

जब एक बार आप निवेश की राशि निर्धारित कर लेते हैं, तो अगल कदम इसे इसे पांच अलग-अलग SIP स्कीम में बांटना है। हर एक SIP एक अलग म्यूचुअल फंड योजना या कैटेगरी को रिप्रेजेंट करता है। अलग-अलग फंडों में निवेश करने से जोखिम कम होता है और रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंडों में पैसे अलॉट करने पर विचार करें।

3 एसेट क्लास

रिस्क और रिवॉर्ड को बैलेंस करने के साथ 7-5-3-1 रूल तीन प्राइमरी एसेट क्लास में भी विविधीकरण पर जोर देता है। इक्विटी, ऋण और हाइब्रिड। इक्विटी फंड में जोखिम अधिक होता है लेकिन हाई रिटर्न की संभावना होती है। डेट फंड आम तौर पर कम जोखिम वाले होते हैं लेकिन अधिक स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं। हाइब्रिड फंड एक संतुलित दृष्टिकोण की पेशकश करते हुए इक्विटी और डेट दोनों कॉम्पोनेंट को जोड़ते हैं। इन एसेट क्लास में अपने निवेश को आवंटित करने से आपको वित्तीय उद्देश्यों के आधार पर रिस्क और रिवॉर्ड के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलती है।

हर 1 साल में बढ़ाएं निवेश

हर साल इक्विटी एसआईपी राशि में एक छोटी भी बढ़ोतरी लॉन्ग टर्म में आपके अंतिम पोर्टफोलियो वैल्यू में बड़ा अंतर ला सकती है।

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