Dormant Account: क्या होता है डॉरमेंट अकाउंट, कहां जाते हैं इसमें मौजूद पैसे, कैसे कर सकते हैं रिएक्टिवेट?

लंबे समय से इनएक्टिव पड़े अकाउंट के लिए डॉरमेंट शब्द का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अकाउंट के कितने समय तक इनएक्टिव रहने पर उसे डॉरमेंट घोषित किया जाता है? साथ ही यह सवाल भी उठता है कि अगर अकाउंट एक्टिव न हो तो उसके पैसे कहां जाते हैं? आज हम आपके इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

क्या होता है डॉरमेंट अकाउंट, कहां जाते हैं इसमें मौजूद पैसे, कैसे कर सकते हैं रिएक्टिवेट?

Dormant Account: डॉरमेंट अंग्रेजी का शब्द है और इसका शाब्दिक अर्थ, इनएक्टिव या बंद पड़ा हुआ होता है। बैंकिंग क्षेत्र में ‘डॉरमेंट अकाउंट’ (What Is Dormant Account) का इस्तेमाल ऐसे अकाउंट के लिए किया जाता है जो 12 से 24 महीनों के समय से बंद पड़ा हुआ हो। यहां अकाउंट बंद होने या इनएक्टिव होने का मतलब है कि उस अकाउंट में किसी भी प्रकार की ट्रांजेक्शन (पैसे जमा या पैसे निकालना) न की गई हो। सिर्फ बैंक अकाउंट ही नहीं, डिविडेंड अकाउंट, ब्रोकरेज अकाउंट, पेंशन फंड अकाउंट और अन्य वित्तीय अकाउंट्स भी डॉरमेंट घोषित किये जा सकते हैं। आइये आपको बताते हैं कि डॉरमेंट अकाउंट में मौजूद पैसों का क्या होता है और आप अपने डॉरमेंट अकाउंट को रिएक्टिवेट कैसे कर सकते हैं।

डॉरमेंट अकाउंट के पैसों का क्या होता है?

अगर बैंक का सेविंग्स या करंट अकाउंट डॉरमेंट (Define Dormant Account) हो तो इस पर करीबी रूप से नजर रखी जाती है। 5 से 7 साल के समय में अगर अकाउंट को रिएक्टिवेट न किया जाए तो इसमें मौजूद पैसे राज्य सरकार की ट्रेजरी में जमा करवा दिए जाते हैं। इसके बाद भी अगर बैंक अकाउंट रिएक्टिवेट किया जाए या नॉमिनी मिल जाए तो सरकार इन पैसों को सही दावेदार के हाथों में सौंप देती है। अब आते हैं डिविडेंड, इन्वेस्टर या ब्रोकरेज डॉरमेंट अकाउंट पर। ऐसे अकाउंट्स को भी 5-7 साल तक मॉनिटर किया जाता है और एक्टिवेट न होने पर अकाउंट में मौजूद पैसों को ब्याज समेत इन्वेस्टर्स एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
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