क्या है ग्रीनवॉशिंग, जिसके जरिए ठगे जा रहे लोग, अब सरकार कसेगी नकेल!

ग्रीनवॉशिंग के जरिए कंपनियां ग्राहकों के बीच भ्रामक जानकरियां फैलाती हैं। आज के समय में ग्रीन प्रोडक्ट्स की खूब चर्चा और कंपनियां इसके नाम पर खूब कारोबार भी कर रही हैं। लेकिन 'ग्रीन' लोगो लगने भर से ही कोई प्रोडक्ट ऑर्गेनिक नहीं हो सकता है। इसलिए सावधान और जागरुक होने की जरूरत है।

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आज के समय में ग्रीन प्रोडक्ट्स की खूब चर्चा और कंपनियां इसके नाम पर खूब कारोबार भी कर रही हैं। लेकिन ग्रीन प्रोडक्ट्स को लेकर उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीओसीए) के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बड़ी बात कही है। उन्होंने स्टोरीबोर्ड18 के साथ बातचीत में कहा कि अगर कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को ग्रीन बता रही है, तो मैं कहता हूं कि ग्राहक को इसपर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। ग्राहकों को सावधानी बरतनी चाहिए और चेक करना चाहिए कि वास्तव में प्रोडक्ट को लेकर कंपनी का दावा सही है या नहीं।

क्या है ग्रीनवॉशिंगकिसी भी कंपनी का कोई भी प्रोडक्ट पर्यावरण के नजरिए से कितना बेहतरीन है। लेकिन किसी कंपनी के प्रोडक्ट्स को गलत तरीके से पर्यावरण के नजरिए से सही बताना ग्रीनवॉशिंग कहलाता है। ग्रीनवॉशिंग के जरिए कंपनियां ग्राहकों के बीच भ्रामक जानकरियां फैलाती हैं। ग्रीनवॉशिंग में उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाने के लिए एक झूठा दावा किया जाता है कि किसी कंपनी के उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं।

अधिक कीमत देने को तैयार हैं लोग

रोहित कुमार सिंह ने कहा कि DoCA पहले से ही 'ग्रीनवॉशिंग' को लेकर दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है। बहुत से लोग स्थायी जीवनशैली अपना रहे हैं। लोग ग्रीन और टिकाऊ प्रोडक्ट्स के लिए दो से तीन गुना अधिक कीमत देने को तैयार हैं। इसलिए बेईमान लोगों को इस बात का गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ग्रीनवॉशिंग से बचने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक होना होगा। हम 'ग्रीनवॉशिंग' के लिए लोगों को निवारक और सुधारात्मक दोनों पक्षों पर दंडित करना शुरू कर सकते हैं।

रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ग्रीनवॉशिंग को लेकर दिशानिर्देशों को कब तक लागू किया जाएगा अभी इसको लेकर कुछ भी नहीं कह सकते। क्योंकि इसमें बहुत मेहनत लगती है और हम कोई आधी-अधूरी चीज नहीं करना चाहते हैं। हम ऐसी दिशानिर्देश तैयार करना चाहते हैं जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित हो सके।

जरूरी नहीं कि लोगो वाला प्रोडक्ट ऑर्गेनिक ही हो

यह देखते हुए कि आजकल हर कोई ऑर्गेनिक प्रोडक्ट कैसे बेच रहा है। इसपर सिंह ने कहा कि कोई भी प्रोडक्ट रिसाइकिल होने वाले पैकेट में आता है। इसका मतलब यह नहीं है कि अंदर का सामान ग्रीन ही हो। साथ ही सिर्फ 'ग्रीन' लोगो लगने भर से ही कोई प्रोडक्ट ऑर्गेनिक नहीं हो सकता है। इसलिए हमें इसको लेकर सावधान और जागरुक होने की जरूरत है।

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