What is Heat Wave: क्या होती है हीट वेव और कितने समय तक रहती है, जानें किन राज्यों में अलर्ट ?
What is Heat Wave in Hindi, Heat Wave Kya Hota Hai: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों में पूरे पूर्वी भारत में लगातार गर्मी की लहर जारी रहने का अनुमान है। 24 अप्रैल से अतिरिक्त क्षेत्रों में इसका विस्तार हो सकता है। कई राज्यों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
Heat Wave Kya Hota Hai: देश के पूर्वी भारत के राज्यों में मौसम के तापमान का मीटर लगातार बढ़ रहा है। सूरज की किरणें जमीन को तपा रही हैं, जिससे मिट्टी सूखकर धूल हुए जा रही है। हवाओं में की तासीर अब नरम की बजाय गर्म हो चुकी है। लोगों के घरों में पानी की खपत बढ़ गई है। दोपहर में सड़कें वीरान रहने लगी हैं। क्योंकि गर्म हवा अब खतरे दहलीज पर पहुंच चुकी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों में पूरे पूर्वी भारत में लगातार गर्मी की लहर जारी रहने का अनुमान है। 24 अप्रैल से अतिरिक्त क्षेत्रों में इसका विस्तार हो सकता है। कई राज्यों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसलिए लोगों को हीट वेव से यानी लू से सावधान रहने की सलाह दी गई है। अब ये हीव वेव होती क्या है.... समझ लेते हैं।
What is Heat Wave : हीट वेव क्या है?
देश का मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब मैदानी इलाकों में तापमान मैक्सिमम 40 डिग्री, तटीय क्षेत्रों का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तब हीट वेव यानी लू चलने लगती है। अगर तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक हो जाता है तो भीषण गर्मी की लहर घोषित की जाती है। यानी अगर टेंपरेचर 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की कैटेगरी में रखा जाता है।
हीट वेव कितने समय तक रहती है?
आमतौर पर मार्च से जून के दौरान हीट वेव चलती है। जब मौसम का तापमान बढ़ता है, तब लू चलने की शुरुआत होती है। भारत में सबसे अधिक हीट वेव मई के महीने में चलती है। कभी-कभी जुलाई में भी इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है।
Heat Wave
हीटवेव अलर्ट क्या है?
जब आईएमडी द्वारा तय तापमान के स्टैंडर्ड से मौसम अधिक गर्म होने लगता है, तो अलर्ट जारी किया जाता है। हीटवेव को आधिकारिक तौर पर तब घोषित किया जाता है, जब मैदानी इलाकों में तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है।
कैसे बनती है हीटवेव?
आमतौर पर ठहरी हुई हवा की वजह से हीट वेव बनती है। हाई प्रेशर सिस्टम हवा को नीचे की ओर ले जाती है। यह जमीन के पास हवा को बढ़ने से रोकती है। नीचे बहती हुई हवा किसी कटोरे की तरह काम करती है और गर्म को एक जगह पर जमा कर लेती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसे रोकने के लिए कोई भी उपाय नहीं है।
इन राज्यों में हीट वेव अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में गैंगटिक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, झारखंड और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में गंभीर गर्मी की लहर की स्थिति बनी रहने की संभावना है।
Heat wave conditions
हीट वेव से कैसे बचें?
- गर्म हवाओं और लू से शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसलिए धूप में जाने से बचें। पीने का पानी साथ में रखने की कोशिश करें।
- एसी से निकलकर सीधे गर्म धूप में न निकलें।
- अगर आपको धूप में निकलना जरूरी है, तो अपने सिर को सूती कपड़े से ढककर निकलें। हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनें।
- धूप से आकर कभी भी तुरंत ठंडा पानी पीने की गलती न करें।
- शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें। आम पन्ना, जूस, नारियल पानी, नींबू पानी का सेवन करें।
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर ...और देखें
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