NHCX platform: सभी हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के लिए होगा एक ही पोर्टल, जानें-पॉलिसी होल्डर्स को कैसे मिलेगा फायदा
What is NHCX platform: यह प्लेटफॉर्म हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम शामिल सभी प्लेयर्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाएगा। इसमें पेमेंटकर्ता और प्रोवाइडर दोनों शामिल हैं। IRDAI ने सभी प्लेयर्स से इस प्लेटफॉर्म पर आने का आग्रह किया है और कई इंश्योरेंस कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।
What is NHCX platform: देश के सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर को क्लेम सेटलमेंट के लिए एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए एनएचसीएक्स (NHCX) प्लेटफॉर्म डेवलप किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए पॉलिसीहोल्डर आसानी से क्लेम सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट कर सकेंगे। उन्हें अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के पोर्टल पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे समय की बचत होगी और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज का प्रोसस पहले से आसान हो जाएगा। साथ ही इसमें तेजी भी आएगी।
क्या है एनएचसीएक्स
एनएचसीएक्स एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत विकसित किया है। इसे भारतीय इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) और एनएचए के ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की सिफारिश पर बनाया जा रहा है। यह प्लेटफॉर्म हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम शामिल सभी प्लेयर्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाएगा। इसमें पेमेंटकर्ता और प्रोवाइडर दोनों शामिल हैं। IRDAI ने सभी प्लेयर्स से इस प्लेटफॉर्म पर आने का आग्रह किया है और कई इंश्योरेंस कंपनियां पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।
एनएचसीएक्स के जरिए क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस कैसे बदलेगा समझ लेते हैं।
पोर्टल पेमेंटकर्ताओं और प्रोवाइडर के बीच सूचना और दस्तावेजों को आसानी से आदान-प्रदान के जरिए से क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस को सरल, तेज और स्टैंडराइज्ड करेगा। यह मानक प्रोटोकॉल का उपयोग करके सिंगल गेटवे के माध्यम से किया जाएगा। इलाज की जानकारी और डेटा अच्छी तरह से एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित होगा।
अभी क्या है क्लेम सेटलमेंट का प्रोसस
मौजूदा समय में डिस्चार्ज के समय,अस्पताल मैनुअल रूप से क्लेम फॉर्म भरते हैं और डॉक्यूमेंट्स को स्कैन करते हैं। फिर अप्रूवल के लिए इन्हें पर्सनल बीमाकर्ता पोर्टल पर अपलोड करते हैं। आखिरी में बीमाकर्ता डेटा को डिजिटाइज करता है और फिर मैनुअल रूप से वेरिफाई किया जाता है। इसके बाद अस्पताल में वापस भेज दिया जाता है और डिस्चार्ज की प्रक्रिया की जाती है।
NHCX से क्या आएगा बदलाव
एनएचसीएक्स प्लेटफॉर्म के जरिए ज्यादातर प्रोसेस डिजिटल और ऑटोमैटिक होगा। क्लेम के फॉर्मेट को स्टैंडराइज्ड किया जाएगा और बीमाधारक के डिजिटल डिटेल्स को उसके आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अकाउंट नंबर के जरिए एक्सेस किया जाएगा। एनएचसीएक्स पोर्टल बीमाकर्ता को भेजने से पहले डिटेल्स को ऑटोमैटिक रूप से वेरिफाई करेगा। बीमाकर्ता इसे डिजिटल रूप से वेरिफाई करेगा और इसपर निर्णय लेगा। इसके बाद अस्पताल में डिस्चार्ज का प्रोसस शुरू हो जाएगा।
एनएचसीएक्स न केवल क्लेम के समय को कम करने में मदद करेगा बल्कि मैनुअल गलतियों को कम करके एफिशिएंस में सुधार करेगा, पारदर्शिता बढ़ाएगा और पॉलिसीधारक के अनुभव को बेहतर बनाएगा।
(इनपुट-ईटी)
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर ...और देखें
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