क्या है इनकम टैक्स से जुड़ा नियम 132, आखिर टैक्स पेयर्स के लिए क्यों है ये बेहद जरूरी

Rule 132: फॉर्म 69 में इस तरह की जानकारी देने की आखिरी तारीख 31 मार्च, 2023 है। अगर समय तक जानकारी पेश नहीं की जाती है, तो करदाता को चूककर्ता माना जा सकता है। ऐसे मामले में वह कर राशि के साथ ब्याज और जुर्माना के लिए उत्तरदायी हो जाएगा।

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नियम 132 1 अक्टूबर, 2022 से हुआ लागू।

मुख्य बातें
  1. नियम 132 1 अक्टूबर, 2022 से हुआ लागू
  2. नियम 132 को सीबीडीटी ने किया था पेश
  3. टैक्स पर लगने वाले सेस या सरचार्ज को लेकर लाया गया है नियम 132

Rule 132: नियम 132 इसी महीने 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हुआ है। इसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) यानी सीबीडीटी ने पेश किया था। दरअसल नियम 132, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 155 की उप-धारा 18 के तहत आय की दोबारा गणना से संबंधित है। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक नया नियम व्यापारियों द्वारा भरे जाने वाले टैक्स (Tax) पर लगने वाले सेस (Cess) या सरचार्ज (Surcharge) के बारे में स्थिति साफ करने के लिए लाया गया है।

सीबीडीटी ने नियम 132 क्यों पेश किया?

इनकम टैक्स पर सेस या सरचार्ज को कटौती के रूप में अनुमति दी जा सकती है या नहीं, इस पर विवादों के मद्देनजर नया नियम पेश किया गया है। अंकित जैन, पार्टनर, वेद जैन एंड एसोसिएट्स का कहना है कि किसी व्यवसाय के शुद्ध कर योग्य लाभ की गणना करते समय कानून ने स्पष्ट किया था कि किसी व्यवसाय द्वारा भुगतान किए गए आयकर को कटौती के रूप में अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि कानून ने ये साफ नहीं किया था कि ऐसे आयकर पर सेस या सरचार्ज कटौती के रूप में स्वीकार्य है या नहीं।

साथ ही कहा कि अलग-अलग व्यवसाय अपनी टैक्स गणना में इस तरह के सेस या सरचार्ज की कटौती का दावा करते रहे हैं। ये टैक्स अधिकारियों द्वारा विवादित थे, लेकिन अदालतों ने हाल के फैसले में सेस और सरचार्ज के लिए कटौती की अनुमति दी थी। वित्त अधिनियम 2022 में सरकार ने साफ किया कि आयकर पर इस तरह के सेस और सरचार्ज के लिए कटौती कर योग्य लाभ से स्वीकार्य कटौती नहीं है।

नियम 132 के फायदे

नियम 132 के लाभ की बात करें तो इसमें असेसी के लिए एक राहत की बात भी है। दरअसल नियम 132 के मुताबिक वह सेस या सरचार्ज पर कटौती के दावे को रद्द कर पिछले साल की कुल दोबारा गणना के लिए आवदेन कर सकता है। साथ ही इस पर कोई पेनल्टी भी नहीं देनी होगी। वहीं दोबारा गणना के लिए 31 मार्च 2023 या इससे पहले फॉर्म संख्या 69 को जमा कराना जरूरी है, क्योंकि इसके बाद ही आय की दोबारा गणना होगी। आय की दोबारा गणना के साथ ही आपको एक तय समय में देय राशि जमा करनी होगी। टैक्स भुगतान के बाद 30 दिनों के अंदर असेसी को फॉर्म संख्या 70 में टैक्स भुगतान की डिटेल असेसिंग अधिकारी को देनी होगी।

नियम 132 से कौन प्रभावित होगा?

व्यवसाय या पेशे से आय वाले व्यक्ति, जिन्होंने पिछले वर्षों में सेस या सरचार्ज की कटौती का दावा किया है, वह इस नए नियम 132 से प्रभावित होंगे।

जानकारी नहीं देने पर क्या होगा?

फॉर्म 69 में इस तरह की जानकारी देने की आखिरी तारीख 31 मार्च, 2023 है। अगर समय तक जानकारी पेश नहीं की जाती है, तो करदाता को चूककर्ता माना जा सकता है। ऐसे मामले में वह कर राशि के साथ ब्याज और जुर्माना के लिए उत्तरदायी हो जाएगा।

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दीपक पोखरिया author

पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मीडिया संस्थानों से मेरी करियर यात्रा गुजरी है और मई...और देखें

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