UPI payments PPI Charge: आखिर क्या है UPI पेमेंट पर PPI चार्ज, किसका नुकसान-किसका फायदा

UPI payments PPI Charge: NPCI ने अपने एक सर्कुलर में कहा था कि एक अप्रैल 2023 से यूपीआई के जरिए मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर PPI चार्ज लागू किया जाएगा। आम ग्राहक को यूपीआई पेमेंट के लिए चार्ज देना पड़ेगा... इसको लेकर भारी कंफ्यूजन है। इसलिए जान लीजिए सभी जरूरी सवालों के जवाब।

what is UPI payments PPI Charge

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UPI payments PPI Charge: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) अब हमारी जरूरत का एक अहम हिस्सा बन गया है। रोड के किनारे सब्जी वाले से लेकर मॉल की चमकती दुकानों तक पर यूपीआई के क्यूआर कोड चस्पे नजर आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से यूपीआई एक चार्ज की वजह से सुर्खियों में रहा है और वो है प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI)। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पीपीआई को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम में शामिल करने की अनुमति दे दी है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये चार्ज किसे देना पड़ेगा। क्या एक आम ग्राहक को यूपीआई पेमेंट के लिए चार्ज देना पड़ेगा... इसको लेकर भारी कंफ्यूजन है.... इसलिए चलिए जान लेते हैं सभी जरूरी सवालों के जवाब....

क्या है PPI और कितना चार्ज?

NPCI ने अपने एक सर्कुलर में कहा था कि एक अप्रैल 2023 से यूपीआई के जरिए मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर PPI चार्ज लागू किया जाएगा। इसके तहत 2000 रुपये से अधिक क ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी का इंटरचेंज चार्ज लगेगा। अब जरा समझ लेते हैं कि आखिर PPI क्या है। इसे आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह का डिजिटल वॉलेट है, जो यूजर्स को पैसे जमा करने की सर्विस देता है। पेटीएम और फोनपे जैसे पेमेंट ऐप ये सर्विस मुहैया कराते हैं।

कौन देगा चार्ज?

मान लीजिए कि कोई ग्राहक किसी स्टोर पर या ऑनलाइन UPI (Paytm या Google Pay) के जरिए PPI पेमेंट कर रहा है और QR कोड PhonePe का है, तो PhonePe को मर्चेंट से लागू इंटरचेंज शुल्क प्राप्त होगा। यूपीआई लेनदेन के मामले में, इंटरचेंज चार्ज का भुगतान मर्चेंट (भुगतान प्राप्त करने वाला व्यक्ति या व्यवसाय) के बैंक द्वारा भुगतानकर्ता (भुगतान करने वाले व्यक्ति) के बैंक को किया जाता है।

ऐसे ट्रांजेक्शन पर इंटरचेंज फीस नहीं लगेगी?

बैंक खाते और पीपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (पी2पी) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (पी2पीएम) ट्रांजेक्शन पर इंटरचेंज शुल्क लागू नहीं होगा। इसलिए, सामान्य ग्राहक को लेनदेन या बैंक खाते से बैंक खाता-आधारित यूपीआई भुगतान के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।

इंटरचेंज शुल्क क्या है?

इंटरचेंज शुल्क को उस शुल्क के रूप में परिभाषित सकता है जो प्राप्तकर्ता बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा मर्चेंट से लिया जाता है। यह ट्रांजेक्शन को स्वीकार करने, प्रोसेसिंग और अथॉराइज्ड करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है। ये शुल्क उन बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के राजस्व को बढ़ाने के लिए पेश किए गए हैं, UPI ट्रांजेक्शन की उच्च लागत से जूझ रहे हैं।

कहां और कितना लगेगा इंटरचेंज चार्ज?
  • अगर कोई यूजर्स 2,000 रुपये से अधिक की राशि अपने वॉलेट में लोड करने के लिए UPI का उपयोग करते हैं तो शुल्क लागू होंगे।
  • NPCI के सर्कुलर के अनुसार, पीपीआई जारीकर्ताओं को 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए खाताधारक के बैंक को वॉलेट-लोडिंग सर्विस शुल्क के रूप में 15 बेसिस प्वाइंट (BPS) का भुगतान करना होगा।
  • NPCI के अनुसार, पेटीएम या ओला फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे प्रीपेड उपकरणों के जारीकर्ता और अन्य को 2,000 रुपये से अधिक होने पर रेमिटर बैंक, यानी खाताधारक के बैंक को वॉलेट लोडिंग शुल्क के रूप में 15 BPS का भुगतान करना होगा।
  • इंटरचेंज शुल्क भी विभिन्न सर्विस पर 0.5-1.1 फीसदी के दायरे में लागू होगा। फ्यूल पर 0.5 फीसदी, टेलीकॉम, युटिलिटी/डाकघर, शिक्षा, कृषि के लिए 0.7 फीसदी, सुपरमार्केट के लिए 0.9 फीसदी, म्यूचुअल फंड, सरकार, बीमा और रेलवे के लिए एक प्रतिशत का इंटरचेंज शुल्क लागू होगा।

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