एक बार देर से चलने के बाद ट्रेनें और लेट क्यों हो जाती हैं, इसके पीछे एक नहीं कई कारण

CAG की रिपोर्ट में एक बड़ी वजह सामने आई है, जिसकी वजह से अमूमन ट्रेनों को स्टेशन पर पहुंचने से पहले रोक दिया जाता है। इसे हम बोलचाल में आउटर कहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे (Indian Railway) का टाइम टेबल सबसे खराब रहा है।

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भारत में ट्रेनों का देर से चलना आम बात है। देश में चलने वाली ट्रेनें कई वजहों से लेट होती हैं। कभी मौसम, कभी ट्रैक पर ओवरलोड तो कभी तकनीकी समस्याएं गाड़ियों की गति पर ब्रेक लगा देती हैं। लेकिन CAG की रिपोर्ट में एक बड़ी वजह सामने आई है, जिसकी वजह से अमूमन ट्रेनों को स्टेशन पर पहुंचने से पहले रोक दिया जाता है। इसे हम बोलचाल में आउटर कहते हैं। CAG की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनों की देरी का सबसे महत्वपूर्ण कारण बुनियादी ढांचे की कमी सामने आई है।

बुनियादी सुविधाओं का अभाव

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ट्रेनों की देरी का सबसे अहम कारण बुनियादी ढांचे की कमी है। प्लेटफार्म या लाइन उपलब्ध नहीं होने के कारण ट्रेनों को आउटर सिग्नल या निकटवर्ती स्टेशन पर तब तक इंतजार करना पड़ता है जब तक कि व्यस्त ट्रेनों से प्लेटफार्म खाली न हो जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे का टाइम टेबल सबसे खराब रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में 30 फीसदी ट्रेनें देरी से चलीं। हालाँकि, अप्रैल 2017-मार्च 2018 तक, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के समयल पर चलने का आंकड़ा 71.39 प्रतिशत था। ये 2016-17 में 76.69 प्रतिशत से कम रहा।

इन वजहों से भी लेट होती हैं ट्रेनें

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि रेलवे नई ट्रेनें लॉन्च करता रहता है लेकिन उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विस्तार नहीं कर रहा है। कई ट्रेनें कई और वजहों से देरी से चलती हैं, उनमें से एक मुख्य कारण खराब मौसम जैसे कोहरा, बारिश, बाढ़, भूस्खलन, तूफानी मौसम, पटरियों का गर्म होना, हवा और तूफानी मौसम है।

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