जहां एक तरफ RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मुस्लिमों को डरने की कोई जरुरत नहीं है परन्तु उन्हें अपने सर्वोच्च होने वाले बयान छोड़ देने चाहिए। तो वहीं Jamiat Ulema e Hind के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने को-एजुकेशन (Co-education) पर बड़ा बयान दिया। मौलाना अरशद ने मुस्लिम लड़कों और लड़कियों के एक साथ पढ़ने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इस्लाम में को एजुकेशन जायज नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के खिलाफ सुनियोजित साजिश के तहत यह सब किया जाता है।