जमीयत उलेमा हिंद (Jamiat Ulema Hind) के अधिवेशन में महमूद मदनी (Mahmood Madni) ने भड़काऊ बयान दिया था और इस्लाम पर बड़ा दावा दिया था। जिसे सूफी इस्लामिक बोर्ड के सचिव कशिश वारसी (Kashish Warsi) ने खारिज कर दिया था। मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madani) ने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की आलोचना करते हुए अपने बयान में अल्लाह और ओम एक होने की बात कही है। जिस पर जैन गुरु लोकेश मुनि (Lokesh Muni) ने आपत्ति जताते हुए मंच छोड़तो नजर आए। साथ ही Lokesh Muni ने कहा कि Madani फालतू की बा रते है।