कहते हैं पढ़-लिख कर इंसान समाज को सही दिशा देता है. पढ़ा लिखा व्यक्ति सही निर्णय लेने में ज्यादा सक्षम माना जाता है, किसी को शिक्षित करना या उसकी मदद करना समाजिक दष्टिकोण से भी सही है. लेकिन इन दिनों पढ़ाना-लिखाना मानों विवादों का केंद्र बन चुका हैं. जिसको लेकर आए दिन कोई न कोई मामला आही जाता है.