ये विपक्ष की एकता की मीटिंग कम, अपने-अपने मतलब निकालने की मीटिंग ज्यादा लग रही थी। जब केजरीवाल को इस मीटिंग में अपना काम बनता नहीं दिखा तो वो मीटिंग के बाद विपक्ष के नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आए, जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूसरे सभी नेता थे।