नई संसद के उद्धाटन का विरोध क्यों और क्या है सेंगोल और उससे जुड़ा इतिहास?
28 मई को जब प्रधानमंत्री मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। उसी दिन संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। तमिलनाडु से आए धर्मगुरु पीएम मोदी को सेंगोल सौंपेंगे। ये एक तरह का राजदंड है। 14 अगस्त 1947 की आधी रात को इस सेंगोल को पंडित नेहरू को सौंपा गया था। लेकिन आजादी के बाद इसे भुला दिया गया। Congress सहित विपक्ष के 19 दलों ने ये तय किया है कि 28 तारीख़ को New Parliament Building के उद्धाटन कार्यक्रम में नहीं जाएंगे । PM Modi को टारगेट करने लिए विपक्ष ने ये दलील दी है कि नई संसद के उद्धाटन में राष्ट्रपति का अपमान हो रहा है।
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited