पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, आदि शंकराचार्य ने ये लिखा है कि कलियुग के आखिरी चरण में जोशीमठ के नरसिंह भगवान की मूर्ति के हाथ खंडित हो जाएंगे. जय, विजय पर्वत आपस में मिल जायेंगे और मौजूदा बद्रीनाथ विलुप्त हो जायेंगे. अब जोशीमठ के मौजूदा समय के आपदा को लोग इस कथा से जोड़कर देख रहे हैं.