काशी के कण-कण से महादेव का रिश्ता है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भी पहले बनारस में विश्वेश्वर मंदिर हुआ करता था। भारत ने आक्रांताओं का कहर देखा तो बनारस के हिस्से भी इसका दुख आया। काशी में स्थापित विश्वेश्वर मंदिर वहीं पर था जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद खड़ी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले ने भले ही ज्ञानवापी पर चर्चा तेज कर दी हो लेकिन ज्ञानवापी के बनने, टूटने और फिर से बनने की कहानी काफी पुरानी और उलझी हुई है। हमने कोशिश की है कि आपको आसान भाषा में सिलसिलेवार तरीके से ज्ञानवापी के इतिहास से वर्तमान तक का सफर समझा पाएं।