इसी साल में Karnataka में विधानसभा चुनाव होने हैं. कर्नाटक के राजनीतिक और सामाजिक समीकरण ऐसे हैं कि राज्य के Former CM B S Yeddyurappa को आगे रखना पार्टी की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है. लिहाजा कर्नाटक का चुनावी किला फतह करने के लिए बीजेपी ने येदियुरप्पा का चेहरा आगे रखने का मेगा प्लान बनाया है. वही येदियुरप्पा जिनके हाथ से राज्य की कमान छीनकर बसबराज बोम्मई को दे दी गई. लेकिन चुनावी मजबूरी ऐसी कि बीजेपी को फिर से येदियुरप्पा की तरफ ही लौटना पड़ा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि येदियुरप्पा न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं बल्कि लिंगायत समुदाय के सबसे प्रभावी राजनेता हैं. राज्य में लिंगायत और वोक्कालिगा राजनीतिक रूप से काफी प्रभावी है. लिंगायत समुदाय पर येदियुरप्पा की गहरी पकड़ है