इतिहास गवाह है कि आतंक की खेती करने वालों को उसकी कीमत अपने ही नागरिकों की जान से चुकानी पड़ती है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान का उदाहरण सामने है। वैसे इसका भुक्तभोगी तो कनाडा भी है। लेकिन शायद खालिस्तान समर्थकों की मदद से अल्पमत सरकार चला रहे जस्टिन ट्रूडो कनाडा के इतिहास की सबसे भयानक आतंकवादी हमले को भूल गए हैं या सत्ता में टिके रहने के लिए किसी भी हद पर जाने को तैयार हैं। इसी खालिस्तान ने कनाडा को उसके इतिहास का सबसे बड़ा जख्म दिया है। हम बात कर रह हैं 1985 में हुए एयर इंडिया के कनिष्क विमान हमले की। जिसे अमेरिका मे हुए 9/11 हमले से पहले तक दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी हमला माना जाता रहा है।