टॉपर्स के लिए मशहूर कोटा अब सुसाइडर्स के लिए बदनाम है। लेकिन देश के अलग अलग शहरों से कोटा आ रहे बच्चों के मां-बाप और परिवार की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। कहीं मां-बाप अपने सपनों का बोझ बच्चों पर तो नहीं लाद रहे। छात्रों को भी चाहिए कि कभी डिप्रेशन जैसा लगे, मानसिक तनाव हो तो ज़रूर डॉक्टर से मिलें। सलाह लें। शरीर की बीमारी की तरह ही मानसिक अवसाद या बीमारी का इलाज संभव है। इसे टैबू ना बनाएं। अपना ख्याल रखें। क्योंकि लाइफ में ना लाइफ से इंपोर्टेंट कुछ नहीं है। कुछ भी नहीं।