National Herald चलाने के लिए पैसा नहीं था, और नेहरू इसे बंद नहीं करना चाहते थे, इसलिए नेशनल हेराल्ड को चलाने के लिए नेहरू के करीबियों और उनके करीबी मंत्री ने इधर उधर से फंड का जुगाड़ शुरू किया।सरदार पटेल को लगता था कि नेशनल हेराल्ड के लिए पैसा लाने में जिस तरह से हाथ-पैर मारा जा रहा है, वो सही तरीका नहीं है, गलत लोगों से भी पैसे लिए जा रहे हैं, और ये लोग पैसा देंगे तो सरकार से फायदा भी उठाएंगे। इसी चिंता में सरदार पटेल ने नेहरू को एक के बाद एक कई चिट्ठी लिखी।