28 मई को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री Narendra Modi ने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानी नए संसद भवन का उद्घाटन किया. नए संसद भवन का विरोध कर रहे करीब 20 विपक्षी दल उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. हालांकि इसके बावजूद इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं. जानकारों का मानना है कि इस विरोध के बहाने विपक्षी एकता को मजबूती देनी की कोशिश हुई. हालांकि बीजपी भी विपक्ष की इस रणनीति को समझ चुकी थी. यही वजह है कि संसद के नए भवन में जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपना पहला संबोधन दिया तो उस दौरान संसद भवन में अगली कतार में कई ऐसे चेहरे दिखे, जो 2024 में एनडीए के साथ जा सकते हैं.