1997 में Gandhi Family के करीबी सीताराम केसरी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर दावा ठोका तो Rajesh Pilot ने भी अपनी दावेदारी ठोक दी.लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के इस चुनाव में राजेश पायलट की हार हुई थी और गांधी परिवार के करीबी सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की थी.इसके बाद गांधी परिवार से राजेश पायलट के टकराव का दूसरा मौका तब आया जब साल 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में राजेश पायलट ने गांधी परिवार का साथ नहीं दिया था, वो जितेंद्र प्रसाद के साथ खड़े थे.इस राजनैतिक तनातनी के बीच 11 जून 2000 को ही राजेश पायलट की एक रोड एक्सीडेंट की मौत हो गई, तब राजेश पायलट सिर्फ 56 साल के थे।