राम नाम में रमी हुई ये है रामनामी जनजाति। आदिवासी समाज से आने वाला यह तबका अपना पूरा जीवन ही प्रभु श्रीराम के नाम कर चुका है। छत्तीसगढ़ से आई रामनामी जनजाति इस वक्त अयोध्या में है। जहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। रामनवमी तक रामनामी समुदाय के लोग अयोध्या में ही रहेंगे और श्रीराम के जन्म के उत्सव में भजन-कीर्तन करते रहेंगे। रामनामी समुदाय अपने पूरे शरीर पर राम का नाम गोदवाता है।