1962 की शर्मनाक हार के विलेन सीधे सीधे जवाहर लाल नेहरू हैं क्योंकि अगर नेहरू ने शुरुआत में ही चीन को पहचान लिया होता और दस साल बर्बाद ना किए होते तो 1962 में चीन की हिम्मत नहीं होती कि वो भारत पर हमला कर देता। लेकिन नेहरू गलती पर गलती किए जा रहे थे1 अक्टूबर 1949 को जब People's Republic of China बना और कम्यूनिस्टों का चीन पर राज आया तो भारत उन कुछ देशों में था, जिसने चीन को मान्यता दी.नेहरू सोचते थे कि भारत और चीन एशिया के दो बड़े देश हैं और मिलकर काम करेंगे, लेकिन चीन के माइंडसेट को नेहरू ने ध्यान में नहीं रखा। 1950 में जब चीन ने उस तिब्बत पर हमला कर दिया, जो तिब्बत कभी चीन का हिस्सा नहीं था, तब भी नेहरू अलर्ट नहीं हुए और चीन से शांति की बातें कर रहे थे#TimesNowNavbharatOriginals#Sushant Sinha