125 साल के कछुए चाणक्य की मौत, पोस्टमार्टम में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में 125 साल के बुजुर्ग कछुए की मौत हो गई है। उसके पोस्टमार्टम में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

Turtle Chanakya

125 साल की उम्र में कछुए चाणक्य की मौत (Photo Credit - Twitter)

मुख्य बातें
  • कछुए चाणक्य की मौत
  • 125 साल का था चाणक्य
  • 10 दिन से कुछ भी नहीं खा रहा था

Turtle Chanakya Died: हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में रहने वाले एक विशाल कछुए की मौत हो गई है। कछुए की उम्र 125 साल थी। पार्क के अधिकारियों की मानें तो बुजुर्ग कछुए ने 10 दिन से खाना पीना बंद कर दिया था, जिससे वहां के अधिकारी भी काफी चिंतित थे। दरअसल, पार्क में आने पर्यटकों के लिए कछुआ आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। एनिमल लवर्स के लिए भी ये खबर काफी शॉकिंग है।

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चाणक्य को साल 1963 में नामपल्ली के सार्वजनिक उद्यान से लाया गया था, जिसके बाद से ही हैदराबाद का चिड़ियाघर उसका घर बन गया था। बता दें, यह हैदराबाद का सबसे पुराना पार्क है, जिसे हैदराबाद के सातवें निजाम ने बनवाया था। पार्क के अधिकारियों का कहना है कि चाणक्य को शकरकंद और पालक बहुत था। चिड़ियाघर के कर्मचारी जब शनिवार की सुबह बाड़े में पहुंचे तो पाया कि नींद में उसकी मौत हो चुकी थी। अब ऐसे में उसके पोस्टमार्टम में भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ चौंकाना वाला खुलासा

चाणक्य की शुरुआती पोस्टमार्टम से जानकारी मिली है कि उसकी मौत मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण हुई है। बाकी जांच के लिए उसके नमूने वेटरनरी बायोलॉजिकल एंड रेच इंस्टीट्यूट और वेटरनरी कॉलेज भेजे गए हैं। बता दें, चाणक्य गैलापागोस प्रजाति का था, जिसे चार्ल्स डार्विन के 'प्रजाति के विकास' सिद्धांत के लिए जाना जाता है। ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों के बुजुर्ग कछुए चाणक्य का जाना बड़ा नुकसान है।

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किशन गुप्ता author

देश की धार्मिक राजधानी काशी में जन्म लिया और घाटों पर खेल-कूदकर बड़ा हुआ। साल 2019 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में...और देखें

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