50 साल से कबाड़ में पड़ी थी गाड़ी, अब बेचने पर मिले इतने करोड़ रुपए, परिवार भी रह गया दंग
दुनिया में कार लवर्स की कमी नहीं है, कई सारे ऐसे लोग हैं, जिन्हें पुरानी कार रखने का बड़ा ही शौक है। इसी शौक के कारण एक शख्स ने 1937 की बुगाटी को 30 करोड़ में खरीद लिया है। बताया जा रहा है कि यह कार करीब 50 साल तक कबाड़ में पड़ी थी।
कबाड़ में पड़ी 1937 बुगाटी टाइप 57एस की दुर्लभ फोटो (Photo Credit - Twitter)
मुख्य बातें
- 1937 की बुगाटी को 30 करोड़ में खरीदा
- 50 साल तक कबाड़ में पड़ी थी ये कार
- कबाड़ में और भी अनमोल चीजें थी शामिल
दुनिया में हर तरह के शौकिन पाए जाते हैं। इनमें से कोई खाने का शौकिन होता है तो कोई कुछ पहनने का या फिर कुछ गाड़ियों का शौक रखते हैं। ऐसे में आज हम कार के ही एक शौकीन की बात करेंगे, जिनके लिए पुरानी कारों की श्रृंखला किसी सोने के भंडार से कम नहीं है। ऐसे में कबाड़ में पड़ी एक कार को करीब 30 करोड़ रुपए में खरीदा गया है, जिसे एक कार लवर ने खरीदा है।
जिस कार की हम बात कर रहे हैं, वह कार 1937 की बुगाटी टाइप 57-एस है। इतना ही नहीं, जिस गैरेज से इस दुर्लभ कार को खोजा गया है, उस गैराज में काफी और भी मूल्यवान चीजें मौजूद थी। इस कबाड़ में द्वितीय विश्व युद्ध के जासूसी ड्रोन भी पाए गए हैं। इसमें मेडिकल संबंधी कई सारी मशीनें भी शामिल हैं।
1937 की बेशकीमती कार 'बुगाटी टाइप 57-एस'
साल 1937 में इस कार को होवे ने खरीदा था, जो ब्रिटिश रेसिंग ड्राइवर्स क्लब के पहले अध्यक्ष थे। जिसके बाद करीब 8 साल तक ये कार उनके पास थी। फिर इस कार के मालिक लॉर्ड रिडले बने, जिनसे 1955 में डॉ. कैर ने ये कार खरीद ली, जिसके बदले उन्होंने 90 हजार रुपये चुकाई थी। इसके बाद काफी कम समय के लिए उन्होंने इस कार का इस्तेमाल किया और फिर इसे अपने गैरेज में पार्क कर दिया। जब 2007 में उनका निधन हुआ तब उनके परिवार के पास ये कबाड़ का ढेर ही था। लेकिन उन्हें कहां पता था कि ये कबाड़ ही उनकी किस्मत चमकाने वाली है। परिवार के सदस्यों को ऐसी उम्मीद ही नहीं थी कि कोई इस कबाड़ के भी इतने पैसे दे सकता है।
डेलीमेल से बातचीत के दौरान डॉ. कैर के भतीजे ने बताया, "हमें मालूम था कि उनके पास कुछ कारों का संग्रह है लेकिन वे कौन सी कारें हैं, ये मालूम नहीं था।" एक किवदंती के रूप में आसपास के लोग कहा करते थे कि उनके पास बुगाटी कार थी लेकिन किसी को इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि यह कार अपने समय की सुपर कारों में से एक थी, जो करीब 50 सालों से कबाड़ में पड़ी हुई थी।
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किशन गुप्ता author
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