Ajab Gajab: मौत की सजा काट रहा कैदी 46 साल बाद साबित हुआ बेगुनाह, सामने आया दुनिया का सबसे अनोखा केस
Ajab Gajab: इस केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यही वजह है कि, सैकड़ों लोग सुबह से ही कतार में खड़े होकर कोर्ट के बाहर मौजूद थे और फैसला सुरक्षित होने का इंतजार कर रहे थे। वैसे फैसला आने के बाद इस केस ने जापान की न्याय प्रणाली की जांच की आवाज को बुलंद कर दिया है।
बेगुनाह साबित हुआ शख्स। (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स)
मुख्य बातें
- दुनिया की संभवत: सबसे लंबी मौत की सजा पर आया फैसला
- 46 साल के बाद कोर्ट ने माना बेगुनाह
- पूर्व मुक्केबाज बताया जा रहा है शख्स
Ajab Gajab: दुनिया के सबसे लंबे समय तक जेल में बंद कैदी को सजा काटने के दौरान 46 साल बाद निर्दोष साबित किया गया। तकरीनब 4 दशक से सजा काट रहे कैदी को बरी करने की इस खबर ने पूरे जापान को झकझोर कर दिया है। इस कैदी की उम्र अब 88 वर्ष हो चुकी है और इनका नाम इवाओ हाकामाडा है जो कि, पूर्व मुक्केबाज हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण वे पुनर्विचार का परिणाम जानने के लिए अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। हालांकि, इनकी 91 वर्षीय बहन हिदेको ने उस न्यायाधीश के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया, जिन्होंने हाकामादा को निर्दोष करार दिया। उन्होंने शिजुओका जिला न्यायालय के बाहर कंपकपाती आवाज में समर्थकों से कहा कि, 'हमें बरी होने का फैसला मिला, यह सब आपके समर्थन की बदौलत है।'
ये था पूरा मामला
1968 में अपने मालिक, उसकी पत्नी और उनके दो किशोर बच्चों को लूटने और उनकी हत्या करने के जुर्म में दोषी ठहराए जाने के बाद हाकामाडा को मौत की सजा सुनाई गई थी। एएफपी द्वारा एक रिपोर्ट में बताया गया कि, कोर्ट ने मानसिक और शारीरिक पीड़ा देकर बयान देने के लिए मजबूर करने हेतु की गई अमानवीय पूछताछ की निंदा की। फैसले में कहा गया, 'अभियोजन पक्ष के रिकॉर्ड प्रतिवादी के चुप रहने के अधिकार का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए और ऐसी परिस्थितियों में उनसे झूठा बयान प्राप्त होने की अत्यधिक संभावना थी।
कोर्ट के बाहर लगा समर्थकों का जमावड़ा
इस केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यही वजह है कि, सैकड़ों लोग सुबह से ही कतार में खड़े होकर कोर्ट के बाहर मौजूद थे और फैसला सुरक्षित होने का इंतजार कर रहे थे। वैसे फैसला आने के बाद इस केस ने जापान की1 न्याय प्रणाली की जांच की आवाज को बुलंद कर दिया है। जापानी मीडिया के अनुसार, अभियोजकों के पास अपील करने के लिए दो सप्ताह का समय है। हिदेको से मुकदमे के बाद पूछा गया कि, उन्होंने सफेद जैकेट पहनी थी क्या यह उनके भाई की बेगुनाही का प्रतीक है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर गहरे रंगों से परहेज किया था क्योंकि, हर दिन एक मुकाबला है। अब सोशल मीडिया पर इस केस को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं।
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शाश्वत गुप्ता author
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
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