Ajab Gajab: ट्रेन में रहने के लिए एक साल में लाखों रुपये फूंक देता है ये बच्‍चा, रोज तय करता 600 KM का सफर

Ajab Gajab: जब स्टॉली 16 वर्ष के थे, तब उन्होंने फॉकबेक श्लेस्विग-होल्स्टीन में अपने माता-पिता के घर को छोड़ दिया था। हालांकि ट्रेन में यात्रा करने और रहने के विचार से उनके माता-पिता सहमत नहीं थे।

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जर्मनी की ट्रेन। (फोटो क्रेडिट: Istock)

Ajab Gajab: सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के कारनामे समय-समय पर वायरल होते रहते हैं। ऐसा ही एक कारनामा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमें लेसे स्टॉली नामक जर्मनी का किशोर मुख्‍य भूमिका है। ये नाबालिग लड़का पूरी जर्मनी में डॉयचे बान (डीबी) ट्रेनों में प्रतिदिन 600 मील से अधिक प्रतिदिन यात्रा करता है। ऐसा करने के पीछे एक खास वजह है। दरअसल, ये लड़का ट्रेनों में रहता है, काम करता है और उसकी रुकने की कोई योजना नहीं है। फर्स्ट क्‍लास में सफर के दौरान वो लाउंज में नाश्ता करता है। इतना ही नहीं कई हॉलिडे डेस्टिनेशन पर वो जाता रहता है और स्‍टॉल पर काम करके कुछ न कुछ पैसे कमाता है। हैरान कर देने वाली तो ये है कि, इतना सब करने में एक साल में वह £8,500 (लगभग ₹ 890,000) खर्च करता है।

द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़के ने कहा कि, 'मैं डेढ़ साल से ट्रेन में एक डिजिटल खानाबदोश के रूप में रह रहा हूं। रात में मैं चलती इंटरसिटी एक्सप्रेस (आईसीई) ट्रेन में सोता हूं और दिन के दौरान एक सीट पर बैठता हूं। एक प्रोग्रामर के रूप में काम करता हूं। हालांकि ट्रेन में कई यात्रियों के साथ रहता हूं और देश के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा करता हूं। मैं पूरे जर्मनी की खोज कर रहा हूं।'

बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, जब स्टॉली 16 वर्ष के थे, तब उन्होंने फॉकबेक श्लेस्विग-होल्स्टीन में अपने माता-पिता के घर को छोड़ दिया था। हालांकि ट्रेन में यात्रा करने और रहने के विचार से उनके माता-पिता सहमत नहीं थे। स्टॉली कहते हैं, 'मुझे बहुत समझाने की कोशिश करनी पड़ी। लेकिन वे नहीं मानें। फिर मैंने अपना कमरा खाली कर दिया, घर का अपना सामान बेच दिया और 8 अगस्त, 2022 को म्यूनिख की अपनी पहली यात्रा पर निकल पड़ा। स्‍टॉली ने बताया कि, 'शुरुआती महीने कठिन समय थे, और मुझे बहुत कुछ सीखना पड़ा कि यह सब कैसे काम करता है। सब कुछ मेरी कल्पना से अलग था।'

स्टॉली ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। उन्होंने बिजनेस इनसाइडर को बताया कि, 'रात की ट्रेनों में, आपको अपने सामान के साथ बहुत सावधान रहना होता है, क्योंकि उनमें से बहुत सारा सामान चोरी हो जाता है या फिर चोरी की आशंका रहती है।' स्टॉली बताते हैं कि, 'चोरी, हमले या अनियंत्रित यात्रियों को रोकने के लिए ड्यूटी पर पर्याप्त सुरक्षा गार्ड नहीं हैं। मैं डॉयचे बान ट्रेनों के लिए सलाहकार के तौर पर काम करना चाहता हूं। मेरी इच्छा परिवहन कंपनियों, जैसे- डॉयचे बान या ट्रेन निर्माताओं को फीडबैक देने की है, जिसके लिए मैं फीस लूंगा।'

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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