Ajab Gajab : कीड़े ने इस शख्‍स को पहुंचाया मौत के करीब, काटना पड़ा शरीर का ये अंग, जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे

Ajab Gajab : अमेरिका के टेक्सास के रहने वाले माइकल कोलहॉफ जिन्‍हें किसी जंगली कीड़े ने काट लिया था। इसके बाद उसे बड़ी और गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। ये बीमारी उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती थी।

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टाइफर बीमारी से लड़ रहा शख्‍स। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Ajab Gajab : कोरोना के बाद से अपनी सेहत को लेकर लोग काफी सजग रहने लगे हैं, लेकिन इसके बाद भी कई बीमारियां ऐसी हैं जो लोगों की जान ले लेती हैं। बीमारी से मौत होना तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्‍या आपने कभी किसी कीड़े के काटने से मौत की खबर सुनी है। अगर नहीं, तो हम आपको बता दें कि बहुत से ऐसे कीड़े भी पाए जाते हैं, जिनकी बाइट जानलेवा हो सकती है और हो सकता है कि इंसान को अपने हाथ-पैर भी गंवाने पड़ जाएं। ऐसा ही कुछ हुआ है एक शख्‍स के साथ जिसे महज एक छोटे कीड़े ने अस्‍पताल पहुंचा दिया। इतना ही नहीं उस कीड़े के काटने के बाद शख्‍स को अपने हाथ-पैर गंवाने पड़ गए। ये खबर इतनी डरावनी है कि पढ़ककर आपके भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं।

क्‍या है पूरा मामला

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के टेक्सास के रहने वाले माइकल कोलहॉफ जिन्‍हें किसी जंगली कीड़े ने काट लिया था। इसके बाद उसे बड़ी और गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। ये बीमारी उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती थी। दरअसल, पहले शख्‍स के हाथ-पैर काटने पड़े और फिर उसके बाद उन्‍हें शरीर से ही अलग करना पड़ गया। जिसमें कम से कम लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हुए।

क्‍या है बीमारी का नाम

कीड़े के काटने से जो बीमारी इस शख्‍स को हुई उसका नाम है- टाइफस (Typhus)। ये खतरनाक बीमारी किसी छोटे से परजीवी कीड़े के काट लेने से होती है। ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसका कोई इलाज नहीं और न ही इसकी कोई खास वैक्‍सीन बनी है। टाइफस होने के बाद धीरे-धीरे शरीर गलने लगता है और एक-एक अंग को काटकर शरीर से अलग करने की नौबत आ जाती है। यही नहीं इसके इलाज में लाखों-करोड़ों रुपये तक खर्च हो जाते हैं। दरअसल, 1812 में फ्रांस के कई सैनिकों को यही बीमारी हुई थी जिसके बाद उन्‍हें इलाज नहीं मिल सका और उनकी मौत हो गई।

जैसे-तैसे बची जान

रिपोर्ट्स बताती हैं कि, माइकल को टाइफस होने के बाद अस्‍पताल में एडमिट कराया गया और कई दिनों तक उनका इलाज किया गया। डॉक्टरों ने उन्‍हें कई दवाएं दीं, हालांकि इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ। नतीजा ये रहा कि, उनके हाथ-पैर धीरे-धीरे गलने लगे। तब डॉक्‍टरों ने उनके अंगों को शरीर से अलग कर दिया। परिवार ने माइकल के इलाज में 52 लाख रुपये खर्च कर दिए उसके बाद उनमें मामूली सुधार हुआ, जैसे-तैसे वो मौत से बच गए। हालांकि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है फिर भी उन्‍होंने फंडिग से जुटाकर माइकल का इलाज कराया।
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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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