Ajab Gajab: हत्‍यारोपी महिला ने मुकदमे से पहले मेकअप की मांगी अनुमति, जवाब में कोर्ट ने जो कहा सुनकर चौंक जाएंगे

Ajab Gajab: महिला का नाम सारा बून बताया जा रहा है जिसने ये अनुमति पूर्व-परीक्षण सुनवाई के दौरान मांगी थी। उसने कहा था कि, वो अदालत के लिए उचित पोशाक पहनना चाहती है। इसके बाद कोर्ट ने उसका प्रस्‍ताव ठुकरा दिया।

महिला ने मांगी मेकअप की अनुमति। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

महिला ने मांगी मेकअप की अनुमति। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Ajab Gajab: फ्लोरिडा से इन दिनों एक ऐसा मामला चर्चा में आया है जिसे सुनने के बाद हर वो सोशल मीडिया यूजर स्‍तब्‍ध है जो इस केस को पढ़ रहा है। दरअसल, यहां की एक महिला प्रेमी की हत्‍या के आरोप में जेल में बंद है। आरोप है कि, उसने ब्‍वॉयफ्रेंड को सूटकेस में बंद कर दिया जहां दम घुटने से उसकी मौत हो गई। अब इस महिला ने कोर्टरूम में न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि उसे मुकदमे से पहले अपने बाल और मेकअप को पेशेवर तरीके से संवारने की अनुमति दी जाए।
महिला का नाम सारा बून बताया जा रहा है जिसने ये अनुमति पूर्व-परीक्षण सुनवाई के दौरान मांगी थी। उसने कहा था कि, वो अदालत के लिए उचित पोशाक पहनना चाहती है। हालांकि, न्यायाधीश ने सुरक्षा मुद्दों और गंभीर आरोपों वाले प्रतिवादी के लिए ऐसी व्यवस्थाओं के बारे में अन्य विचारों के कारण उसकी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जज ने पहले उनकी कानूनी टीम के कोर्ट रूम में प्रवेश करने के बाद मेकअप लगाने की अनुमति देने पर सहमति जताई, मगर तभी ऑरेंज काउंटी शेरिफ के कार्यालय ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मेकअप से जुड़ी सुरक्षा संबंधी समस्याएं हैं, जिसे जेल में प्रतिबंधित माना जाता है। यही वजह है कि, बून की इस याचिका को खारिज कर दिया गया।
इस घटना के बारे में भी बताया गया कि, ये घटना 25 फरवरी, 2020 को उनके विंटर पार्क अपार्टमेंट में अत्यधिक शराब पीने के बाद घटी थी। मिरर के अनुसार, पुलिस पूछताछ के दौरान बून ने बताया कि अपने बॉयफ्रेंड के साथ लुका-छिपी का खेल शुरू करने के बाद, वे दोनों बहुत नशे में थे और वह लगभग 30 मिनट के लिए बेड पर चली गई। उसने कहा कि उसे लगा कि उसका बॉयफ्रेंड जॉर्ज टोरेस जूनियर सूटकेस से बाहर आ गया है। मगर ऐसा नहीं हुआ था और जब अगली सुबह बून को उसके बगल में ब्‍वॉयफ्रेंड नहीं दिखा तो खोजने के लिए सुबह करीब 11 बजे नीचे गई। डेली मेल के अनुसार, मामले की जांच करने वालों ने बताया कि- बून के फोन में एक वीडियो मिला जिसमें टॉरेस सूटकेस से बाहर निकलने की भीख मांग रहा था और वह चिल्ला रहा था, 'मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं'...इस पर बून ने कोई ध्यान नहीं दिया।
न्यूज वीक की रिपोर्ट के अनुसार, बून अपनी गिरफ़्तारी के बाद से ही अलग-अलग आरोपों का सामना कर रही है। उसने कोर्ट के कई चक्कर लगाए और असहमति के कारण कई बार वकील बदले। वह कानूनी सलाह देने के लिए चुने जाने के बाद अब वो कोर्ट में खुद का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। बून पर आरोप है कि वह पति-पत्नी सिंड्रोम से पीड़ित हैं और उन्हें अधिकार दिए बिना पुलिस के सवालों का जवाब देने के लिए मजबूर किया गया। मुकदमे की तैयारियों के दौरान बून के व्‍यवहार ने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। कहा गया कि, 'वो विद्रोही हो गई थीं और उसने अपने जेल के कपड़ों को स्टेपल का उपयोग करके सजाकर नियमों का उल्लंघन किया, जो कि निषिद्ध है। फिर भी, वह अदालत में खुद को बेहतर साबित करने के लिए तरकीबें तलाशती रहती है।' कहा जा रहा है कि, 'यह मुकदमा 7 अक्टूबर 2024 को शुरू होने की उम्मीद है। यदि बून सेकंड डिग्री हत्या की दोषी पाई जाती हैं तो उनको आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
(डिस्‍क्‍लेमर: यह खबर वायरल तथ्‍यों और दावों पर आधारित है। अत: टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी सत्‍यता की पुष्टि नहीं करता है।)
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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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