Ajab Gajab: छुट्टी के लिए स्‍टूडेंट ने लिखी ऐसी एप्‍लीकेशन, पढ़कर लोटपोट हुए यूजर्स, कहा- 'रिक्‍वेस्‍ट है या धमकी'

Ajab Gajab: राकेश का ये मजेदार आवेदन पत्र 4 अगस्त को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया था। यहां इसे 37.5 मिलियन व्यूज मिले और ये फोटो वायरल हो गई। इस एप्लीकेशन ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं।

लीव एप्‍लीकेशन। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

लीव एप्‍लीकेशन। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

मुख्य बातें
  • क्‍लास 7 के स्‍टूडेंट का लीव एप्‍लीकेशन सोशल मीडिया पर वायरल
  • बच्‍चे ने मजेदार अंदाज में कही स्‍कूल न आने की बात
  • लोगों ने वायरल लैटर की जमकर मौज ली
Ajab Gajab: सोशल मीडिया पर कभी स्‍टूडेंट से पूछा गया जवाब लोगों को ठहाके लगवा देता है तो कभी बच्‍चों के अतरंगी जवाब गुदगुदाते हैं। मगर इस बार कक्षा 7 के एक छात्र का लीव एप्‍लीकेशन वायरल हुआ है। इसे पढ़ते ही ये लगता है कि, बच्‍चा स्‍कूल से तंग आ चुका है। राकेश नामक छात्र ने प्रिंसिपल को छुट्टी का आवेदन अपने एक आवेदन पत्र लिखा। 29 जुलाई को दिए गए अपने आवेदन में राकेश ने प्रिंसिपल मैडम को ये बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि वह स्कूल नहीं आ पाएगा। आवेदन की शुरुआत में उसने कहा, "प्रिय प्रिंसपल, मैं नहीं आऊंगा, नहीं आऊंगा, नहीं आऊंगा।' लेकिन छुट्टी के लिए आवेदन करने का यह मजेदार तरीका यहीं खत्म नहीं हुआ। अंत में पारंपरिक 'धन्यवाद' लिखने के बाद राकेश ने अपनी बात दोहराते हुए कहा, 'आऊंगा ही नहीं मैं।' हालांकि टाइम्‍स नाउ नवभारत इस आवेदन पत्र की सत्‍यता और इससे जुड़े किसी दावे की पुष्टि नहीं करता है।
राकेश का ये मजेदार आवेदन पत्र 4 अगस्त को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया था। यहां इसे 37.5 मिलियन व्यूज मिले और ये फोटो वायरल हो गई। इस एप्लीकेशन ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। सबसे ज्‍यादा गौर करने वाले इसके कमेंट्स थे। जहां लोगों ने बताया कि राकेश ने प्रिंसिपल शब्द की स्पेलिंग गलत लिखी। दूसरों ने उसकी लिखावट और शिक्षकों को इस तरह संबोधित करने के उसके साहस की तारीफ की।
एक यूजर ने कहा कि, 'अब तक का सबसे अच्छा एप्लीकेशन।' दूसरे ने पूछा कि, 'ये रिक्‍वेस्‍ट है या धमकी ?' एक अन्य ने अपनी खुशी को दिखाने के लिए हंसते चेहरे वाले इमोजी बना दिए। चौथे यूजर ने कहा कि, 'सीधी बात , बकवास नहीं।' पांचवें यूजर ने कहा कि, 'यह कोई आवेदन नहीं है, यह सीधे निलंबन है।' वहीं, अन्य लोगों ने भी आश्चर्य जताते हुए आशंका जताई कि, क्या छात्र को उसकी बेअदबी के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं, कुछ कॉर्पोरेट कर्मचारियों ने छात्र की हताशा को समझने का दावा किया और लेटर को काफी हद तक प्रासंगिक पाया। साथ ही उन्‍होंने अपने अवकाश के लिए आवेदन करते समय पत्र के प्रारूप की नकल करने का मजाक उड़ाया।
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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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