गजब का स्‍कूल ! जो बच्‍चों से फीस के बदले में लेता है कूड़ा-कचरा, शानदार पहल ने इस शहर को बनाया स्‍वच्‍छ

Viral News : अफ्रीकी देश नाइजीरिया में चार साल पहले पर्यावरण संगठन ने 'अफ्रीकी स्वच्छता पहल' की शुरुआत की थी। इसके तहत स्‍कूल स्‍टूडेंट्स के माता-पिता से स्कूल में लाई गई बोतलें, पानी के डिब्बे, प्लास्टिक के बक्से जैसी तरह-तरह कबाड़ की सामग्री इकट्ठा की गई।

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नाइजीरिया के स्‍कूल की पहल। (तस्‍वीर साभार : रॉयटर्स)

Viral News : विश्‍व में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई लोग और संस्‍थाएं अतुलनीय काम कर रही हैं। बहुत से लोग ऐसे भी काम करते हैं जिन्‍हें सुनकर काफी हैरानी होती है। हाल ही में एक नया मामला सामने आया है अफ्रीकी देश नाइजीरिया से, जहां पर तकरीबन 40 ऐसे स्कूल हैं जो लोगों से कबाड़ लेकर उसे फीस के बदले में स्‍वीकार करते हैं। स्‍कूलों की पहल से गरीब माता-पिता के बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा मिलती है और स्‍वच्‍छता का काम भी बिना किसी परेशानी के हो जाता है।

चार साल पहले शुरू की गई पहल

अफ्रीकी देश नाइजीरिया में चार साल पहले पर्यावरण संगठन ने 'अफ्रीकी स्वच्छता पहल' की शुरुआत की थी। इसके तहत स्‍कूल स्‍टूडेंट्स के माता-पिता से स्कूल में लाई गई बोतलें, पानी के डिब्बे, प्लास्टिक के बक्से जैसी तरह-तरह कबाड़ की सामग्री इकट्ठा की गई। इसके अलावा ये भी बताया गया कि, इस प्रकार के कचरे को रिसाइकल करने वालों को बेचा जाता है। इससे जो भी राशि अर्जित होती है उसका उपयोग शिक्षकों को वेतन देने, स्कूल ड्रेस, पेन-पेंसिल, किताबें की खरीदारी करने इत्‍यादि के लिए किया जाता है।

इनकी भी सुनिए

नाइजीरिया की ही हेयरड्रेसर फातिमोह बताती हैं कि, पैसे न होने के कारण उन्‍होंने अपने बेटे की स्‍कूल की फीस का भुगतान नहीं किया था, जिसकी वजह से बेटे को स्‍कूल से घर भेज दिया जाता था। वे बताती हैं कि, अब वे स्‍वयं अपने बेटे फवास के साथ कचरे के बोरे लादकर स्‍कूल जाती हैं जहां पर कचरे का वजन स्कूल परिसर में किया जाता है और इसकी बिक्री मूल्य फवास के फीस के खाते में जोड़ दी जाती है। फातिमोह ने कहा, जब मुझे पता चला कि वे मेरे बच्चे को स्कूल में रखने के लिए मुझसे प्लास्टिक एकत्र कर सकते हैं, तो इससे मेरा बोझ हल्का हो गया।

इसलिए पहल की हुई शुरुआत

पर्यावरण ग्रुप के संस्थापक अलेक्जेंडर अखिग्बे बताते हैं कि, इस पहल की शुरुआत स्‍कूल से निकाले हुए बच्‍चों की संख्‍या में कमी लोन और लागोस की सड़कों को स्‍वच्‍छ करने के लिए की गई थी। माई ड्रीम स्टीड स्टैंड पर ट्यूशन फीस $130 प्रति वर्ष है और स्कूल अपने 120 विद्यार्थियों को समायोजित करने के लिए एक दूसरे अपार्टमेंट ब्लॉक में विस्तार कर रहा है। 2019 में जब यह खुला तो केवल सात बच्चों का नामांकन हुआ था। ये स्‍कूल नाइजीरिया के लागोस का 40वां कम लागत का स्‍कूल है, जहां पर कचरे को फीस के तौर पर स्‍वीकार किया जाता है। यदि स्‍कूल के बच्चों को कुछ खरीदना होता है और वे असमर्थ होते हैं तो उन्हें बता दिया जाता है कि, कितना कचरा लाने की जरूरत है।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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