Divorce Temple : दुनिया के इस कोने में है 600 साल पुराना अनोखा मंदिर, महिलाओं को मिलता है सर्टिफिकेट
Divorce Temple : 1285 में एक बौद्ध नन काकुसान शिदो-नी ने बौद्ध मंदिर की स्थापना की थी। बताया जाता है कि महिलाओं को आध्यात्म का दर्शन कराने और उनकी सहायता कराने के लिए इस मंदिर की स्थापना की गई थी।
जापान का तलाक मंदिर। (तस्वीर साभार : Istock)
Temple : आपने दुनिया भर में बहुत से विचित्र स्थानों के बारे में सुना होगा। कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं जहां पर जाते ही मन्नत पूरी हो जाती है, लेकिन कुछ विशेष मंदिर ऐसे भी हैं जहां जाने पर तलाक हो जाते हैं। ये पढ़कर आप भी हैरत में पड़ गए होंगे, लेकिन ये सच है। दरअसल, ये मंदिर करीब 600 साल से भी ज्यादा पुराना है। जापान में स्थित मात्सुगाओका टोकीजी मंदिर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अस्तित्व को लेकर काफी मायने रखता है। इसे डायवोर्स टेम्पल यानी तलाक मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। संबंधित खबरें
क्यों हुई थी शुरुआत1285 में एक बौद्ध नन काकुसान शिदो-नी ने बौद्ध मंदिर की स्थापना की थी। बताया जाता है कि महिलाओं को आध्यात्म का दर्शन कराने और उनकी सहायता कराने के लिए इस मंदिर की स्थापना की गई थी। उन दिनों महिलाओं की आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती थी। मूल अधिकारों के अभाव में महिलाओं को कई सामाजिक प्रतिबंधों से गुजराना पड़ता था। उस समय कुछ महिलाएं घर में होने वाली प्रताड़ना से तंग आ चुकी थीं। वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी थीं जो कि अपनी शादी से खुश नहीं थीं, ऐसी महिलाएं ही इस मंदिर में आकर रहा करती थीं।
कुछ ऐसे बना है मंदिर
जापान का मात्सुगाओका टोकीजी मंदिर बेहद खूबसूरत जगह पर स्थित है। प्रकृति के बीच बना ये मंदिर शांति का अनुभव कराता है। इसके आस पास मौजूद चेरी के पेड़ यहां के माहौल हो और खूबसूरत बनाते हैं। अगर इस मंदिर की बनावट की बात करें तो यहां लकड़ी के ढांचे हैं और शानदारी नक्काशी देखने कसे मिलती है। वहीं मंदिर के मुख्य द्वार की ओर पत्थर का रास्ता है जहां पर आने वाले का स्वागत किया जाता है, इस गेट को सनमोन गेट भी कहते हैं। ये गेट बड़े हॉल के पास जाकर खुलता है और यहां पर मेडिटेशेन के अलावा कुछ धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। संबंधित खबरें
कैसे मिलने लगी आजादी
जिस दौर में इस मंदिर की स्थापना हुई थी उस समय शादी टूटना या फिर तलाक होना काफी बड़ी बात थी। इसके बाद में टोकी जी ने उन महिलाओं के हित में एक फैसला लिया और यहां आने वाली महिलाओं को प्रमाण पत्र देना शुरू किया, इससे महिलाओं को कानूनी तौर पर आजादी मिलने लगी। संबंधित खबरें
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शाश्वत गुप्ता author
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
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