Ajab Gajab: महिला ने खुद की बनाई वैक्‍सीन से स्‍टेज-3 कैंसर को हराया, यहां पढ़ें उसकी पूरी कहानी

Ajab Gajab: महिला रिसर्चर ने जब अपने ट्यूमर में वैक्‍सीन इंजेक्‍ट की तो उसके बाद वैक्सीन ने खसरे के वायरस को फ्लू जैसे रोगज़नक़ के साथ मिलाया। इससे एक शक्तिशाली शॉट वि‍कसित किया जिसने ट्यूमर को टारगेट किया और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया।

महिला ने ब्रेस्‍ट कैंसर को हराया।

महिला ने ब्रेस्‍ट कैंसर को हराया।

Ajab Gajab: सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोगों की रिसर्च और शोध की सफलता कही कहानी वायरल होती हैं जिसे सुनकर अन्‍य लोगों को प्रेरणा मिलती है। ऐसी ही एक घटना में एक महिला ने खुद की बनाई वैक्‍सीन से स्‍टेज-3 कैंसर को मात दे दी। दरअसल, बीटा हलासी को पता चला था कि, मास्टेक्टॉमी प्रक्रिया से गुजरने के बावजूद उन्हें दोबारा थर्ड स्‍टेज ब्रेस्‍ट कैंसर हो गया है। चूंकि, कीमोथेरेपी के दूसरे चरण से गुजरने में खुद को असमर्थ महसूस कर रही थीं इसलिए संक्रामक रोग अनुसंधान में एक विशेषज्ञ के रूप में उन्‍होंन बड़ा फैसला लिया। रिपोर्ट के अनुसार, अपने शोध का उपयोग करते हुए सीधे अपने ट्यूमर में एक वैक्सीन इंजेक्ट की।

इस तरह से निकला ट्यूमर

महिला रिसर्चर ने जब अपने ट्यूमर में वैक्‍सीन इंजेक्‍ट की तो उसके बाद वैक्सीन ने खसरे के वायरस को फ्लू जैसे रोगज़नक़ के साथ मिलाया। इससे एक शक्तिशाली शॉट वि‍कसित किया जिसने ट्यूमर को टारगेट किया और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया। हालांकि महिला को इसके परिणाम पता थे इसलिए हलासी का प्रयोग सफल रहा। कथित तौर पर, उसके इसके फैसले के बाद से अब वह चार साल से वो कैंसर से मुक्त है। वैक्सीन 2024 जर्नल में बीटा हलासी ने अपने परिणाम प्रकाशित किए और लिखा, 'इस अपरंपरागत ट्रीटमेंट का अल्पकालिक और मध्यम अवधि का परिणाम, जो किसी भी महत्वपूर्ण विषाक्तता से रहित था, निस्संदेह फायदेमंद था। ट्यूमर का साइज काफी कम हो गया था और बेसलाइन के विपरीत नीचे की मांसपेशियों व ऊपर की स्किन से टच नहीं कर रहा था। परिणामस्‍वरूप, इसे सफलतापूर्वक निकाल दिया गया।'

2016 में पता चला था

बीटा हलासी को 2016 में पहली बार कैंसर का पता चला था, मगर 2020 में जब उनका ट्यूमर स्टेज 3 पर पहुंच गया तो उन्हें एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा। एक विशेषज्ञ के रूप में उन्‍होंने वायरस का सालों तक गहन अध्ययन किया। वे ऑन्कोलिटिक वायरोथेरेपी (OVT) (जो एक प्रायोगिक उपचार है) के प्रति काफी जानकारी इकट्ठा करना चाहती थीं। OVT में आनुवंशिक रूप से संशोधित वायरस का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करके नष्ट किया जाता है, हालांकि इस बात का ध्‍यान रखा जाता है कि, स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान न पहुंचे।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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